जवाहर लाल नेहरू मेडीकल कालिज में मंकीपॉक्स जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन

अलीगढ़, 24 अगस्तः अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के माइक्रोबायोलॉजी विभाग और अस्पताल संक्रमण नियंत्रण समिति (एचआईसीसी) के एक जागरूकता कार्यक्रम में, शिक्षकों, रेजीडेंट, डॉक्टरों और नर्सिंग स्टाफ को मंकीपॉक्स रोग के उपचार के बारे में जानकारी प्रदान की गई।

प्रो. राकेश भार्गव (डीन, फैकल्टी ऑफ मेडिसिन और प्रिंसिपल, जेएनएमसी) ने कहा कि जिस तरह कोविड के प्रसार को नियंत्रित किया गया, उसी तरह मंकी पॉक्स को भी नियंत्रित किया जा सकता है।

प्रो. शाहिद अली सिद्दीकी (अध्यक्ष, एचआईसीसी) ने कहा कि केरल में मंकीपॉक्स का पहला मामला आने के बाद से जेएनएमसी के डॉक्टर सतर्क हैं। उन्होंने कहा कि इस सम्बन्ध में आवश्यक प्रबन्ध किये जा रहे हैं। उन्होंने कोविड महामारी के दौरान जेएनएमसी स्वास्थ्य कर्मियों के संयुक्त प्रयासों के बारे में भी बताया।

प्रो हारिस एम खान (अध्यक्ष, माइक्रोबायोलॉजी विभाग और चिकित्सा अधीक्षक, जेएनएमसी) ने डॉक्टरों को मंकीपॉक्स के मामलों में होने वाली व्यावहारिक कठिनाइयों के बारे में बताया।

प्रो. कामरान अफजल (अध्यक्ष, बाल रोग विभाग) ने मंकी पॉक्स टीकाकरण पर एक प्रस्तुति दी। डॉ. फातिमा खान (माइक्रोबायोलोजी) ने मंकीपॉक्स के प्रकोप के मामले में संक्रमण नियंत्रण प्रक्रियाओं के बारे में बताया। डॉ रूही खान (मेडीसिन विभाग) ने मंकीपॉक्स की नैदानिक विशेषताओं और उपचार पर चर्चा की और डॉ परवेज ए खान (माइक्रोबायोलॉजी विभाग) ने मंकीपॉक्स के वायरोलॉजी और निदान पर चर्चा की।

इस अवसर पर डॉ जीशान को मंकीपॉक्स जागरूकता पर ब्रेनस्टॉर्मिंग कार्यक्रम का विजेता घोषित किया गया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. शारिक अहमद और डॉ. मुबशिशर हसन ने किया।

एचआईसीसी कार्यशाला व मंकीपॉक्स प्रबंधन पर प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता में नर्सिंग के छात्रों ने भी भाग लिया। प्रश्नोत्तरी में नर्सिंग कोर्स के फिरोज, अनम व हिबा ने क्रमशः प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय पुरस्कार प्राप्त किया।

प्रोफेसर हारिस एम खान (अध्यक्ष, माइक्रोबायोलॉजी विभाग और चिकित्सा अधीक्षक) और डॉ फराह आज़मी (प्रिंसिपल, नर्सिंग कॉलेज) के स्वागत भाषण के बाद, डॉ साफिया फिरोज ने मंकीपॉक्स रोग की महामारी विज्ञान की व्याख्या की, जबकि डॉ फातिमा खान ने मंकीपॉक्स प्रकोप के दौरान संक्रमण नियंत्रण प्रथाओं का प्रदर्शन किया। डॉ. उज्मा तैय्यबा ने मंकीपॉक्स वायरस के विषाणु विज्ञान पर चर्चा की। इसके अलावा, डॉ. हिबा सामी ने मंकी पॉक्स के निदान पर चर्चा की और डॉ. शारिक अहमद ने मंकी पॉक्स से प्रभावित लोगों की नैदानिक विशेषताओं और केस प्रबंधन पर चर्चा की।

कार्यशाला व प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता का आयोजन डॉ. फातिमा खान, डॉ. शारिक अहमद और डॉ. मुबशिशर हसन ने किया।

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