Pakistan की पहली हिंदू लड़की बनीं असिस्टेंट कमिश्नर, Dr. Sana Ramchand Gulwani की स्टोरी 

Dr.Sana Ramchand Gulwani इस समय काफी चर्चा में है पर यहां भारत में नहीं बल्कि हमारे पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान में।  

पाकिस्तान के सरों ज़मीन पे ऐसा पहली बार हुआ है, कोई हिंदू लड़की ने प्रतिष्ठित पब्लिक सर्विस एग्जाम Central Superior Services (CSS) दिया भी और उसे पहले ही प्रयास में कामयाबी भी  हासिल की। इस परीक्षा को पाकिस्तान की सबसे मुश्किल competitive एग्जाम  में से एक माना जाता है। प्रशासनिक सेवा में चयन एग्जाम के रिजल्ट के आधार पर होता है। यह भारत में होने वाले UPSC एग्जाम की तरह ही है, जिसका आयोजन संघ लोक सेवा आयोग द्वारा किया जाता है।  

 

Sana के जीवन की कुछ खास बातें : 

Sana Ramchand Gulwani पाकिस्तानी सिंधी हिन्दू हैं, शिकारपुर पाकिस्तान में बसा सिंधी आबादी वाला इलाका है। Sana की शुरूआती शिक्षा शिकारपुर के ही एक सरकारी स्कूल से हुई, उनके माता पिता नहीं चाहते थे कि  प्रशासनिक सेवा में जाएं। लेकिन Sana ने पहले अपने माता पिता का सपना पूरा करते हुए MBBS किया और फिर CSS के लिए पढ़ाई शुरू की। साल 2016 में सना ने शहीद मोहतरमा बेनजीर भुट्टो मेडिकल यूनिवर्सिटी से MBBS की डिग्री हासिल की, वो Surgen बन गईं, और इसके साथ ही उनके  पास Urology में डिग्री हैं। पाकिस्तान में ये दोनों ही कोर्स साथ होते हैं। 

उनकी ये उपलब्धि इसलिए अधिक खास है क्योंकि Sana पाकिस्तान के इतिहास में पहली हिंदू महिला हैं जिन्होंने CSS पास किया है। 

 

करियर में एक नया पड़ाव:  

Sana ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि ‘जब मैंने अपनी ट्रेनिंग शुरू की तो कुछ महीने के लिए मेरी पोस्टिंग शिकारपुर के लखी के तालुका अस्पताल में महिला चिकित्सा अधिकारी के रूप में हुई। सिंध के ग्रामीण इलाकों में सामुदायिक स्वास्थ्य की स्थिति बेहद ही खराब है।’ 

वहां उन्हें देने के लिए दवाइयां उपलब्ध नहीं थीं और न ही उन्हें भर्ती करने की व्यवस्था थी। यहां तक की कुछ मामूली दवाइयां जैसे टिटनेस और एंटी-रेबीज की भी कमी थी। इस तरह की व्यवस्था ने मेरे मन में सरकारी अस्पताल के उद्देश्य को लेकर सवाल खड़े किए।’ रिपोर्ट के मुताबिक 2019 में जब शिकारपुर के डेप्युटी कमिश्नर ने अस्पताल का दौरा किया तो सना ने देखा कि सभी काम करना चाहते हैं और अस्पताल की कमियों को दूरी करना चाहते हैं। तभी उन्होंने सिविल सर्विस में करियर बनाने और समाज में बदलाव लाने का फैसला लिया। 

वहीं इस साल सिंध की रहने वाली हिंदू महिला Manisha Ropeta ने भी इतिहास रच दिया। मनीषा की पाकिस्तान पुलिस में डिप्टी सुपरिटेंडेंट के पद पर नियुक्ति हुई है। 26 वर्षीय DSP डॉक्टर बनना चाहती थीं। लेकिन बाद में पुलिस अफसर बनने का फैसला लिया। 

 

सना ने कुछ ऐसा बांधा समां कि..  

पाकिस्तान में हिंदू ने सुरक्षा की कमान संभाली.. 

सोच के परों पर उड़ कर देखा.. 

शिद्दत ऐसी हो मंजिल को पाने की… 

 

By: Tanwi Mishra 

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