मोदी सरकार द्वारा लाए गए ट्रिपल तलाक कानून पर भाजपा पार्टी के प्रवक्ता जिस तरीके से साहब के शान में कसीदे पढ़ती है हालांकि आज तक देश के सबसे बड़े पार्टी के दमदार कहे जाने वाले प्रवक्ता और कानून पास कराने वाले नेता कभी ट्रिपल तलाक पर मुस्लिम महिलाओं का क्या फायदा है आज तक यह बात समझा नहीं पाए और जब नुकसान पर सवाल किया जाता है तो कन्नी काटते हुए दिखाई देते हैं।
इसी तरीके से गुजरात दंगों के दौरान बिलकिस बानो के साथ जो बर्बरता हुई थी अपराधियों के सजा को माफ करने वाले गुजरात में भाजपा सरकार ने फिर से मुस्लिम महिलाओं के हितेषी होने का सबूत दे दिया।
गुजरात सरकार द्वारा दिए गए इस बेतुका तर्क पर बड़े-बड़े जानकार कानूनी प्रक्रिया देने लगे लेकिन जो सत्ता का सुख किसी वक्त कांग्रेस को था केंद्र और प्रदेश में आज वही मुकाम भाजपा का है और शायद इसलिए मुकाम इतना ऊंचा है कि महिलाओं की चीख और उनकी पुकार सत्ता के शीर्ष पर बैठे लोगों पर पहुंच नहीं पाती है।
मुस्लिम सशक्तिकरण पर हर वक्त बेबाक तरीके से बात रखने वाली मरहूम इंजीनियर सलीम पीरजादा की पार्टी परचम पार्टी ऑफ इंडिया भाजपा और मुस्लिम महिलाओं के दोहरे रवैए पर सवाल पूछ लिया है और गुजरात में भाजपा सरकार के इस फैसले पर देश की महामहिम राष्ट्रपति द्रोपती मुरमुरे को मेमोरेंडम लिखकर बिल्किस बानो एक महिला के खिलाफ जिन्होंने अपराध करने वाले अपराधियों के पक्ष में भाजपा सरकार द्वारा नरमी क्यों जैसे कठिन सवाल पूछ लिए हालांकि महामहिम राष्ट्रपति महोदय क्या जवाब देंगी यह आने वाला वक्त ही तय करेगा?
परचम पार्टी ऑफ इंडिया के समस्त कार्यकर्ताओं की ओर से आपका ध्यान विनम्रतापूर्वक उस घटना की ओर दिलाना चाहते हैं जिसमें बिलकीस बनो बलात्कार कांड के 11 हत्यारों व बलात्कारियों को गुजरात की राज्य सरकार ने रिहा कर दिया है।
गुजरात सरकार द्वरा बनाये गए इस पैनल द्वरा जो किया गया उससे पूरे देश में शोक की लहर दौड़ गई। ये कितनी खेदपूर्ण बात है कि 10 लोगों के पैनल में जिसमें दो महिलाएं भी थी, किसी ने इन हत्यारों और बलात्कारियों के उस अपराध को दृष्टिगत नही रखा कि किस प्रकार एक ही परिवार के 13 लोगों की हत्या करने के बाद ये मनुष्यरूपी हैवान एक गर्भवती स्त्री का सामुहिक बलात्कार करते हैं और उसे मरा हुआ जानकर चले जाते हैं।
ऐसे अपराधियों को छोड़ा जाना हमारे अदालती सिस्टम पर एक बदनुमा दाग है।
इस पैनल द्वारा दिया गया फैसला गृहमंत्रालय द्वरा जारी की गई गाइडलाइंस की खिलाफवर्जी है कि जिसमे कहा गया है कि बलात्कार और हत्या की सज़ा पाए अपराधियों को माफी नही दी जा सकती।
इस पैनल द्वारा दिया गया फैसला गृहमंत्रालय द्वरा जारी की गई उस गाइडलाइंस की खिलाफवर्जी है कि जिसमे कहा गया है कि बलात्कार और हत्या की सज़ा पाए अपराधियों को माफी नही दी जा सकती।
अब न्याय व्यवस्था और देश की अंतरात्मा पर सवाल उठता है कि वो अपराधी जिन्होंने हत्या और सामुहिक बालात्कार जैसे जघन्य अपराध किये हों, क्या उन्हें जेल से छोड़ना और समाज मे आज़ाद रखना उचित है या उन्हें ताउम्र जेल में रखा जाना चाहिये।
ऐसी स्थिति में परचम पार्टी ऑफ इंडिया आपसे अनुरोध करती है कि इस मामले को संज्ञान में लेकर इन अपराधियों की सजा माफी को रद्द करते हुए इन्हें पुनः जेल भेजा जाए। हम आपके इस फैसले के आभारी रहेंगे और इससे देशवासियों के न्याय व्यवस्था पर विश्वास बहाल होगा।