ऐसे झुकी सरकार, पीएम मोदी ने कहा किसानों को समझ नहीं सके इसलिए वापस ले रहे हैं कृषि कानून के तीनों बिल राकेश टिकैत का पलटवार

भारत को विश्व गुरु बनाने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी किसानों को समझ नहीं सके उन्होंने खुद अपने संबोधन में कहा है उनको कहना है इसलिए हम तीनों कृषि कानून वापस ले रहे हैं.

 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने भाषण के दौरान कहा कि किसानों को आश्वस्त करने में हम सफल नहीं हो पा रहे हैं किसानों का एक वर्ग ही कानून का विरोध कर रहा है लेकिन हम उन्हें शिक्षित करने और जानकारी देने का प्रयास भरपूर करते रहे हैं.

 

पीएम मोदी ने कहां किसानों को समझाने का पूरा प्रयास किया है हम कानूनों में संशोधन करने यहां तक कि उन्हें सस्पेंड करने के लिए तैयार थे मामला अब सुप्रीम कोर्ट में पहुंच गया है.

 

 

आगे अपने भाषण में कहा उन्होंने हमारी सरकार किसानों को समझा नहीं सकी इस वक्त आरोप लगाने का सही समय नहीं है.पीएम मोदी ने कहा मैं सब से कहना चाहता हूं कि हमने कृषि कानून को वापस ले लिया है हम कृषि कानून को रद्द कर रहे हैं.

 

पीएम मोदी ने संबोधन में आंदोलन खत्म कर किसानों को घर लौट जाने की अपील की है उन्होंने कहा है कि किसान अपने खेत में लौटे और अपने परिवारों के बीच में जाएं.

 

पीएम मोदी के इस फैसले से अभी किसान नेता नाराज हैं राकेश टिकैत ने ट्वीट करते हुए कहा आंदोलन तत्काल वापस नहीं होगा हम उस दिन का इंतजार करेंगे जब कृषि कानूनों को संसद में रद्द किया जाएगा सरकार एमएसपी के साथ-साथ किसानों के दूसरे मुद्दों पर भी बातचीत करें.

 

किसान बिल मोदी सरकार ने 17 सितंबर को लोकसभा और 20 सितंबर को राज्यसभा में भारी हंगामे के बीच कृषि बिल के तीनों कानून पास कर दिए थे हर बार की तरह इस बार भी 27 सितंबर को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने इस पर दस्तखत कर दिए थे.

 

वही 24 सितंबर 2020 से पंजाब में किसानों ने 3 दिनों का रेल रोको आंदोलन शुरू किया था और 25 सितंबर 2020 को अखिल भारतीय किसान संघ समिति के बैनर तले देशभर के किसानों सड़कों पर उतरे थे और यह हंगामा और आंदोलन आज तक चलता रहा.

 

राजनीतिक जानकार का कहना है मोदी सरकार का यह फैसला उत्तर प्रदेश की आगामी चुनाव को देखते हुए भी हो सकता है हाला हकीकत क्या है मोदी सरकार के मन में क्या है यह कह पाना मुश्किल है.

 

आपको बता दें इसी तरह से सीए एनआरसी एनपीआर का बिल पास किया गया था जो कोविड-19 के दौरान शाहीन बाग का धरना और पूरे देश भर का धरना खामोश हो गया था और फिर जब सरकार ने कानून बिल लाने का फैसला किया तो फिर सितंबर से किसानों सहित देश के हर वर्गों ने धरने में बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया.

 

वही जब मोदी सरकार यानी पीएम मोदी ने फैसला वापस लेने को कहां तो बीजेपी नेता तारीफ करने लगे.

तारीफ करने वाले उत्तर प्रदेश बीजेपी के दिग्गज नेता केशव प्रसाद मौर्या भी हैं.

 

वही कांग्रेस सुप्रीमो राहुल गांधी ने ट्विटर पर ट्वीट करते हुए और पुराना वीडियो शेयर करते हुए कहा देश के अन्नदाता ने सत्याग्रह से अहंकार का सर झुका दिया अन्याय के खिलाफ मुबारक हो.

 

आपको बता दें आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन के दौरान इन कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि मैं आज देशवासियों से क्षमा मांगते हुए पवित्र हृदय से कहना चाहता हूं कि शायद हमारी तपस्या में कोई कमी रही होगी जिसके कारण दिए के प्रकाश जैसा सत्य कुछ भी किसान भाइयों को हम समझा नहीं पाए हम तीनों कृषि कानून को वापस लेने का फैसला करते हैं पीएम मोदी ने कहा संसद के सीता कालीन सत्र में सरकार तीनों कृष्ण कानून को वापस लेने की प्रक्रिया कर देगी.

 

अब आप कमेंट में बताएं आपको क्या लगता है सरकार ने आगामी चुनाव को देखते हुए बिल वापस लिया है या फिर कोई और वजह है.

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