ब्राह्मण राजदंड की स्थापना नए संसद भवन में मनुवाद का प्रतीक है जहां ब्राह्मण राजगुरु के निर्देशानुसार छत्रीय राजा राज करता था।
परचम पार्टी ऑफ इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रो. अली अमीर कहा ने इसी ब्राह्मण शास्त्र के अनुसार राजा राम चंद्र को शूद्र शंबूक का वध करना पड़ा जिसने विद्या प्राप्ति से शूद्र वर्ण व्यवस्था के अनुसार मृत्यु दण्ड दिए जाने योग्य अपराध किया था।
परचम पार्टी ऑफ इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रो. अली अमीर पिछड़ा वर्ग एवं दलित समुदाय सहित समस्त धार्मिक अल्पसंख्यक समाज के लिए गहन विवेचन का समय है। चितपावन ब्राह्मण नेतृत्व वाला आरएसएस मोदी जी के कर कमलों से इस राजदंड की स्थापना नए संसद भवन में कराने के बाद अगला प्रधानमंत्री छत्रिय योगी आदित्यनाथ जी को नए प्रधानमंत्री के रूप में प्रस्तुत कर रहा है ।
बाबा साहब के संविधान का आवरण लगा कर लोकतंत्र को मनु तंत्र में बदला जा रहा है।दक्षिण भारतीय ब्राह्मणों से पेरियार ने शूद्रों को बडी कठिनाई से मुक्ति दिलाई थी।
अपने आप को पिछड़े वर्ग का बताने वाले मोदी जी के हाथों से पेरियार के अथक प्रयास पर पानी फेरा जा रहा है।तमिल एवं चितपावन ब्राह्मण के गठबंधन से अखंड भारत का वो स्वरूप जन्म ले रहा है जहां बौद्ध धर्म अनुयाई राजा अशोक महान की जगह चोल साम्राज्य के मनुवाद को लाया जा रहा है ।
लोकसभा अध्यक्ष के आसन के पास आधुनिक भारत कर लोकतंत्र के संविधान निर्माता बाबा साहब भीमराव अंबेडकर का चित्र लगाना चाहिए न कि मनुवाद का राजतंत्र का प्रतीक ब्राह्मण नेता राजगोपाल आचार्य के निर्देश पर बनाए गए चोल साम्राज्य के कपोलकल्पित सेंगोल को जिसका किसी इतिहास में उल्लेख नहीं है।
परचम पार्टी ऑफ इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रो. अली अमीर ने कहा मनुवाद की आंधी को 2024 में रोका नहीं गया तो शूद्रों के पास पछताने का अवसर भी नहीं रहेगा।आरएसएस की शताब्दी समारोह 2025 गोलवलकर का मनुवादी व्यवस्था वाले भारत का स्थापना दिवस होगा जिस में अंबानी अडानी के अर्थ तंत्र में छत्रिय राजा ब्राह्मण के निर्देश पर शूद्रों के दमन को राम राज्य के नाम से चलाएगा।