अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति और सिविल इंजीनियरिंग विभाग से सेवानिवृत्त शिक्षक प्रोफेसर शमीम अहमद का लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया। वे 84 वर्ष के थे। आज विश्वविद्यालय के कब्रिस्तान में उनकी तद्फीन की गयी।
एएमयू कुलपति प्रोफेसर तारिक मंसूर ने कहा कि प्रोफेसर शमीम ने जो कुछ भी किया, उस में उन्होंने मेहनत और तन्मयता के पुट को सदा ऊपर रखा और खुद को और दूसरों को दया और करुणा के साथ उच्च मानकों पर बरक़रार रखा। उन्हें अपने छात्रों से प्यार था और एक उदार शिक्षक और चिंता करने वाले सहयोगी के रूप में उनका सम्मान किया जाता था।
इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी संकाय के डीन, प्रोफेसर मोहम्मद अल्तमश सिद्दीकी ने बताया कि प्रोफेसर शमीम एक विद्वान थे जिन्होंने आगे आने वालों के लिए शिक्षण के क्षेत्र में एक मानक स्थापित किया। उनके पास छात्रों के समान खड़े होने की क्षमता थी क्योंकि वह जटिल विषयों को रोचक और समझने योग्य बनाने के लिए पहले से पाठ योजनाएं तैयार करते थे। उनके निधन से इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी संकाय में गहरा शून्य उत्पन्न हो गया है।
जेडएच कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी के प्रिंसिपल प्रोफेसर एमएम सुफियान बेग ने कहा कि विश्वविद्यालय समुदाय प्रोफेसर शमीम के शोक संतप्त परिवार के दुख में शामिल है और मैं चाहता हूं कि हम सभी उनकी यादों में सुकून पाएं।
सिविल इंजीनियरिंग विभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर अब्दुल बाकी ने भी उनके निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया।
एएमयू में अपने अकादमिक करियर के चरम पर, प्रोफेसर शमीम ने इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी संकाय के डीन; सिविल इंजीनियरिंग विभाग और एएमयू शिक्षक संघ के अध्यक्ष के रूप में भी कार्य किया।
उनका विवाह दिवंगत प्रोफेसर हमीदा अहमद (मनोविज्ञान विभाग) के साथ हुआ था और उनके परिवार में दो बेटियां और एक बेटा है।