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पंजाब मंत्रिमंडल ने घरेलू उपभोक्ताओं के लिए बिजली दरों में तीन रुपए प्रति यूनिट की कटौती करने का फैसला किया, छोटे उपभोक्ताओं का सबसे ज्यादा फायदा
पंजाब मंत्रिमंडल (Punjab Cabinet) ने घरेलू उपभोक्ताओं के लिए बिजली दरों में तीन रुपए प्रति यूनिट (Rs 3 across slabs) की कटौती (slash power tariff ) करने का सोमवार को फैसला किया है. पंजाब के मुख्यमंत्री (Punjab CM ) चरणजीत सिंह चन्नी (Charanjit Singh Channi) ने कहा, “पंजाब कैबिनेट ने सभी स्लैब में बिजली दरों में 3 रुपए की कटौती करने का फैसला किया है. छोटे उपभोक्ताओं के लिए नई दर 1.19 रुपए प्रति यूनिट होगी.
पंजाब सरकार ने जीवीके गोविंवाल साहिब पीपीए को समाप्त करने के पीएसपीसीएल के प्रस्ताव को मंजूरी दी, जो 6-7 रुपए प्रति यूनिट के हिसाब से बिजली उपलब्ध करा रही है. अब पंजाब ने अपने स्वयं के 500 मेगावाट के टेंडर की घोषणा की है. अब बिजली की दर 2.38 रुपए प्रति यूनिट होगी.
अनुसूचित जातियों, अन्य पिछड़ीं श्रेणियों, गरीबी रेखा से नीचे जीवनयापन कर रहे लोगों के लिए एक किलोवॉट तक मुफ्त बिजली की मौजूदा सुविधा पहले की तरह जारी रहेगी। पंजाब सरकार ने 2 किलोवॉट से कम बिजली लोड वाले उपभोक्ताओं की बकाया राशि पहले ही माफ कर दी है।
2 किलोवाट क्षमता वाले उपभोक्ता
यूनिट मौजूदा दर नई दर
0-100 4.19 1.19
101-300 7.01 4.01
300 से अधिक 8.76 5.76
2-7 किलोवाट क्षमता वाले उपभोक्ता
0-100 4.49 1.49
101-300 7.01 4.01
300 से अधिक 8.76 5.76
चुनावी माहौल में आप के 3 रुपये यूनिट को दिया जवाब पंजाब विधानसभा चुनाव से पहले बिजली दरों में 3 रुपये प्रति यूनिट की कटौती को सियासी हलकों में आम आदमी पार्टी (आप) के बिजली संबंधी एलान के जवाब के तौर पर देखा जा रहा है।
आम आदमी पार्टी ने पंजाब में सरकार बनने पर सभी वर्गों को 3 रुपये प्रति यूनिट बिजली देने का चुनावी वादा किया है। साल 2017 में कांग्रेस ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में बिजली दरें घटाने का वादा किया था, लेकिन सरकार बनने के बाद निजी बिजली कंपनियों से पिछली सरकार द्वारा किए समझौतों का हवाला देते हुए पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह बिजली दरें घटाने से वादे से पीछे हट गए थे।
पंजाब के मुलाजिमों का डीए 11 फीसदी बढ़ा।
इस फैसले से कर्मचारियों और पेंशनभोगियों का मौजूदा 17 प्रतिशत डीए बढ़कर 28 प्रतिशत हो जाएगा। यह फैसला 1 जुलाई, 2021 से लागू होगा। इस फैसले से राज्य सरकार पर 440 करोड़ रुपये का मासिक अतिरिक्त बोझ पड़ेगा।
By:Poonam Sharma
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