2014 के बाद सोशल मीडिया का दौर सिर्फ पर होने के कारण हर कोई अपनी बात हर नेता अपने समर्थकों तक पैगाम पहुंचाने की कोशिश करता है आजकल देश में धर्म के नाम पर राजनीति कुछ ज्यादा ही तेज हो गई है.
कॉन्ग्रेस पार्टी के दिग्गज नेता राहुल गांधी राजस्थान की जयपुर महारैली बीजेपी और केंद्र सरकार पर तंज करते हुए कहा कि हमें महंगाई को हटाना है और उन्होंने धर्म का नाम लेते हुए कहा हिंदू और हिंदुत्व एक शब्द नहीं है.
राहुल गांधी ने अपने भाषण के दौरान कहा हिंदू का मतलब महात्मा गांधी और हिंदुत्व का मतलब नाथूराम गोडसे एक जीव के दो आत्मा नहीं हो सकते उसी तरीके से हिंदू और हिंदुत्व कभी एक नहीं हो सकते हिंदू का मतलब ना डरने वाला और सबको साथ में लेकर चलने वाला और एक दूसरे को गले लगाकर रहने वाला ही हिंदू है.
गांधी ने कहा कि 2014 के बाद हिंदुत्व का राज है अब हिंदू का राज वापस लाना है. राहुल गांधी ने कहा यह देश हिंदुओं का है हिंदुत्व का नहीं.
इस पर एआईएमआईएम के प्रमुख हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि मैं भारत से पूछ रहा हूं कि भारत की धर्मनिरपेक्षता से हमें क्या मिला? धर्मनिरपेक्षता से सिर्फ मीठी मीठी बातें मिली क्या धर्मनिरपेक्षता की वजह से आरक्षण मिला? क्या मस्जिद गिराने वाले को सजा मिली? नहीं मिली मैं मानता हूं जो भारत के संविधान में है मैं इस राजनीतिक धर्मनिरपेक्षता को नहीं मानता.
हालांकि असदुद्दीन ओवैसी की तंज पर, राजनीतिक धर्मनिरपेक्षता वाली पार्टियां तंज कसना शुरू कर देंगे ओवैसी का बयान समुदाय विशेष है पर हकीकत क्या है कोई राजनीतिक पार्टी अपने समर्थकों को समझाना नहीं चाहती।
ओवैसी ने मुंबई में तिरंगा रैली के दौरान यह बात कही थी रैली महाराष्ट्र के पिछड़े मुसलमानों के लिए आरक्षण और राज्य में व कोट के संपत्ति की सुरक्षा की मांग के लिए आयोजित की गई थी।