कागज पूरे ना होने पर आजम खान सीतापुर जेल लौटे, वही पत्नी तंजीम फातिमा और बेटे विधायक अब्दुल्लाह आजम को भी एमपी एमएलए कोर्ट से मिली राहत

जब से योगी सरकार उत्तर प्रदेश में आई है आजम खान और उनके परिवार के लिए मुसीबतें कम नहीं हो रही रामपुर जिला की एमपी एमएलए कोर्ट ने उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री दिग्गज नेता मोहम्मद आजम खान की पत्नी डॉ तंजीम फातिमा और विधायक उनके बेटे अब्दुल्लाह आजम के खिलाफ गैर जमानती वारंट निरस्त कर दिए गए हैं और मां और बेटे दोनों को एमपी एमएलए कोर्ट द्वारा मुकर्रर हर तारीख पर पेश होने को कहा है।

एमपी एमएलए कोर्ट ने शर्त के साथ जमानत दे दी है क्योंकि बुधवार को गैर जमानती वारंट जारी किया गया था जिसके बाद दोनों को 24 घंटे के अंदर कोर्ट में पेश होना था और को कोर्ट ने एनबीडब्ल्यू वारंट कैंसिल कर दिए हैं।

शहर विधायक और पूर्व मंत्री आजम खान की पत्नी डॉ तजीन फातिमा और उनके बेटे स्वार टांडा विधायक अब्दुल्ला आजम को न्यायालय ने सशर्त जमानत दे दी है। साथ ही उनके बीते रोज जारी किए गए एलबीडब्ल्यू वारंट वापिस किए हैं। डा तजीन फातिमा और अब्दुल्ला आजम आज सुबह कोर्ट में पेश हुए। इस दौरान पिछली तारीखों पर न्यायालय में हाजिर नहीं होने का कारण उन्होंने व्यक्तिगत स्वास्थ्य बताया। साथ ही अन्य कारण बताएं और इससे संबंधित कागजात भी प्रस्तुत किए, जिसके चलते न्यायालय ने उन्हें जमानत दे दी और उनके एनबीडब्ल्यू वारंट भी कैंसिल कर दिए।

एमपी एमएलए कोर्ट ने कहा डॉ तंजीम फातिमा को न्यायालय द्वारा जब भी बुलाया जाए तब वह कोर्ट में पेश होकर उपस्थिति दर्ज कराएं और वही विधायक अब्दुल्लाह आजम को कहा के आप महीने की हर तारीख को उपस्थिति दर्ज कराएं।

अधिवक्ता जुबेर अहमद खान कोर्ट से कहा कि उनके मुवक्किल स्वास्थ्य कारण से पिछले तारीखों पर उपस्थित नहीं हो पाए और कोर्ट ने शर्त पर बेल दे दी है।

वही सीतापुर से लखनऊ पहुंचे आजम खान की सीबीआई कोर्ट में सुनवाई ‘कागजात न होने’ के कारण टली, जेल लौटे।

38 महीने से सीतापुर जेल में बंद समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान को आज सीबीआई कोर्ट में पेश होने के लिए गुरुवार को लखनऊ ले जाया गया।
हालांकि, सीबीआई की ओर से कुछ दस्तावेजों के अभाव में सुनवाई नहीं हो सकी और सपा नेता को वापस सीतापुर जेल भेज दिया गया.

सुनवाई की अगली तारीख आज शाम तक दी जाएगी।

उन्हें एक कथित जल निगम भर्ती घोटाले से संबंधित एक मामले के संबंध में अदालत में ले जाया गया था, जिसकी केंद्रीय एजेंसी द्वारा जांच की जा रही है।

कथित घोटाले की जांच, जिसे एसआईटी ने 2017 में दर्ज किया था, सीबीआई को सौंप दी गई थी।

कथित घोटाले में शामिल तत्कालीन मंत्री आजम खान, निदेशक जल निगम और परियोजना प्रबंधक सहित कुल आठ लोगों को मामले में अग्रिम जमानत दी गई थी। हालांकि, खान को सीतापुर जेल वापस भेज दिया गया क्योंकि मामले में सीबीआई की ओर से कागजात की अनुपस्थिति के कारण आज उनके खिलाफ आरोप तय नहीं किए जा सके।

खान के बाद अदालत में पेश किया गया, उसके वकील, कलीम रहमान ने कहा, “आज आजम खान उनके खिलाफ आरोप तय करने के लिए अदालत में पेश किया गया था। अदालत ने राज्य सरकार जो आज उपलब्ध नहीं कराया गया से कुछ दस्तावेज मांगी थी। क्योंकि इस कारण से, सुनवाई आज आयोजित नहीं किया जा सका। जब पूरे दस्तावेज प्रस्तुत किया जाएगा, अदालत शुल्क फ्रेम होगा। ”

इस बीच, सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को कहा कि वह समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान की याचिका पर मंगलवार को सुनवाई करेगा, जब उसे बताया गया कि उसे एक अन्य मामले में गिरफ्तार किया गया है।

कोर्ट ने कहा कि यह सिलसिला चलता रहेगा और यह भी पूछा कि ऐसा संयोग क्यों होता है जब उसे एक मामले में जमानत मिलती है तो दूसरे आरोप का सामना करना पड़ता है।

उत्तर प्रदेश के वकील ने कहा कि आजम खान के खिलाफ किसी भी तुच्छ मामला नहीं है और वे एक विस्तृत हलफनामा दाखिल करेंगे। वकील भी सपा नेता के खिलाफ कार्रवाई का बचाव किया और कहा कि इन मामलों में से प्रत्येक में एक पदार्थ होता है।

सुप्रीम कोर्ट ने पहले आजम खान की जमानत याचिका पर इलाहाबाद उच्च न्यायालय द्वारा निर्णय के उच्चारण में लंबे समय तक देरी से नाराजगी व्यक्त की और कहा इस तरह के मामले को एक “न्याय के उपवास कहा जाता था।

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मंगलवार को जमीन पर गलत तरीके से कब्जा करने के मामले में सपा नेता को अंतरिम जमानत दे दी।

उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री आजम खान फरवरी 2020 से सीतापुर जेल में बंद है।

Open chat
1
हमसे जुड़ें:
अपने जिला से पत्रकारिता करने हेतु जुड़े।
WhatsApp: 099273 73310
दिए गए व्हाट्सएप नंबर पर अपनी डिटेल्स भेजें।
खबर एवं प्रेस विज्ञप्ति और विज्ञापन भेजें।
hindrashtra@outlook.com
Website: www.hindrashtra.com
Download hindrashtra android App from Google Play Store