पटना- लालू यादव जो न जाने कितनी बार जिंदगी मौत से लड़कर AIMS में अपना इलाज कराकर बेल पर बाहर आ गए और करीब में रह रहे राजद पार्टी को बिहार में स्थापित करने वाले कद्दावर नेता गरीब मजलूमों की आवाज, मुसलमानों की मजबूत सियासी ताकत मोहम्मद शहाबुद्दीन साहब का इलाज दीनदयाल उपाध्याय में कराया गया,
आखिर ऐसा क्यों? कोरोना रिपोर्ट भी निगेटिव आई है फिर भी राजद परिवार खामोश है,
इससे बड़ी साजिश राजद की और क्या होगी, राजद की खामोशी और साहब की हत्या पर राजद का सरकार को समर्थन इस बात का इशारा है के अपने पिता को बाहर निकालने के लिए तेजस्वी ने साहब की हत्या का सौदा क्या है। तेजस्वी यादव को ये बात समझ लेनी चाहिए के मुसलमान किसी की बैसाखी के सहारे नहीं जीता। जल्द ही इसका खमियाजा भुगतना परेगा लालू परिवार को।
मुसलमान साहब की मौत को भूल नहीं सकता। समय पर सही जवाब का इंतजार करो। वैसे भी तेजस्वी तुम्हारा खेल खत्म हो चुका है, मुस्लिम उम्मीदवारों को हराकर सरकार बनाने का ख्वाब भी अधूरा रह गया। अब आगे अल्लाह ही मालिक है। अपने बल बूते 10 सीट लाकर दिखाना।
महानिदेशक (कारा) संदीप गोयल ने बताया, ‘दिल्ली जेल के कैदी मोहम्मद शहाबुद्दीन साहब की मृत्यु के बारे में डीडीयू अस्पताल से सूचना मिली है. वह कोविड-19 से पीड़ित थे और उन्हें 20 अप्रैल को अस्पताल में भर्ती कराया गया था.’
समाचार एजेंसी पीटीआई से तिहाड़ जेल के डीजी ने बताया है कि मोहम्मद शहाबुद्दीन साहब का कोविड से संक्रमित होने के बाद दिल्ली के दीनदयाल उपाध्याय अस्पताल में इलाज चल रहा था.
राष्ट्रीय जनता दल के पूर्व सासंद मोहम्मद शहाबुद्दीन साहब की शनिवार को दिल्ली के दीनदयाल उपाध्याय अस्पताल में कोरोना संक्रमण से मौत हो गई थी .