हरिद्वार| हरिद्वार में हुई निंदनीय स्पीच को लेकर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के मोहन भागवत ने एक बयान दिया और कहा है की धर्म संसद में जो भड़काऊ बयान दिए गए वह हिंदुओ के शब्द नहीं है और जो लोग हिंदुत्व का पालन करते हैं वह उससे कभी सहमत नहीं होंगे। मोहन भागवत
लोकमत के नागपुर संस्करण की स्वर्ण जयंती के दौरान मीडिया कर्मियों से हिंदुत्व और एकीकरण की बात करते दिखाई दिए।
उन्होंने अपने बयान में कहा, धर्म संसद में दिए गए बयान हिंदुओ के नहीं थे क्योंकि जब मैं गुस्से में कुछ कहता हूं तो वह हिंदुत्व तो नहीं होता है। क्योंकि वीर सावरकर ने कहा था की हिन्दू यदि एक हुआ तो वह भगवत गीता का ज्ञान देगा न तो किसी को उकसाने का काम करेगा।
उन्होंने आगे कहा, भारत वह देश है जिसे हिन्दू राष्ट्र बनाने की आवश्यकता नहीं है बल्कि यह एक हिन्दू राष्ट्र है। क्योंकि यहां के लोग संघ से जुड़े हुए हैं और संघ एकता का संदेश देता है। मतभेदों को दूर करता है और लोगों में समन्वय स्थापित करता है.
By. Priyanshi Singh