किसानों की मांगों पर सरकार से ड्राफ्ट से संयुक्त किसान मोर्चा सहमत, लिखित प्रमाण से बात बनी

किसान आंदोलन पिछले 1 साल 13 दिन चला आंदोलन का समाधान दिखती नजर आ रहा है। जो की संयुक्त किसान मोर्चा के लिए एक बड़ी जीत से कम नही।

 

किसान एकता की कुर्बानी 709 किसानों के शहीदों को समर्पित रहेगा। ऐसी लड़ाई किसानों के हक के लिए हमेशा जारी रहेगी।

 

 

भारत सरकार द्वारा इस वर्तमान स्थिति थी गंभीरता को सभी ही लंबित विषयों के संबंध में  समाधान प्रस्तावित किया गया है।
प्रधानमंत्री मोदी जी ने कृषि मंत्री के साथ मिलकर एक कमेटी की घोषणा की है। इस कमेटी के तहत केंद्र सरकार सभी राज्य सरकारों द्वारा सारे के सारे संगठन और कृषि वैज्ञानिक शामिल होगें।
इस बातचीत में इस मुद्दे पर जोर दिया जाएगा कि किसानों को एमएसपी कितना सुनिश्चित किया जाएगा। सरकार से बातचीत में यह फैसला लेना है कि देश एमएसपी की जो भी खरीदारी है उसे उसी स्थान पर जारी रखा जाए।
दूसरी यह बात किसान आंदोलन उत्तर प्रदेश,उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश सरकार पूरी तरह से सभी केसों को वापस लेने को तैयार है। रही बात मुआवजे की तो हरियाणा और उत्तर प्रदेश सरकार ने इसकी सहमति लिखित रूप से दे दी है,  और पंजाब सरकार ने भी इसकी सार्वजनिक घोषणा कर दी है।
कुछ और मुद्दे जैसे कि बिजली बिल किसान मोर्चा द्वारा संसद में पेश करने की कोशिश की जाएगी और जहां तक पराली जलाने का मुद्दा है भारत सरकार इसपे कानून बनाने पर विचार कर चुकी है। धारा 14 15 में क्रिमिनल लायबिलिटी से किसान मुक्त रहेगा।
इन सभी प्रस्ताव लोगों का समाधान हो चुका है इसलिए किसान आंदोलन को आगे जारी रखने का कोई मतलब नहीं है इसलिए पूरी तरह से खत्म कर देना चाहिए।
सभी किसान आंदोलनकारियो से अनुरोध है इसे जल्द से जल्द समाप्त करें।
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