आज़मगढ़। संयुक्त किसान मोर्चा के नेतृत्व में किसान आंदोलन के एक वर्ष पूरा होने को है। तीनों काले कृषि कानूनों की वापसी बेशक हमारी जीत है किंतु पूरी जीत अभी बाकी है ये जीत बड़ी कुर्बानियों के बाद मिली है। उम्मीद है संसद में यह कानून वापस हो जायेगा। आंदोलन को फांसीवादी ताकतों के विरुद्ध अभी और लंबा चलाने की आवश्कता पर हम सभी किसान संगठनों की जिम्मेदारी है।
संसद से तीनो काले कृषि कानूनों की वापसी C-2 के आधार पर सभी फसलों के लिए लागत को डेढ़ गुना दाम की कानूनी गारंटी, बिजली बिल 2020 की वापसी, खीरी लखीमुर घटना के लिए केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी को मंत्री मंडल से बर्खास्त कर गिरफ्तारी, लगभग सात सौ किसानों को आंदोलन में शहीद हुए हैं उनका दिल्ली में स्मारक, परिवार को समुचित मुआवजा तथा सरकारी नौकरी, किसानों के ऊपर दर्ज मुकदमों की वापसी आदि समस्याओं से संबंधित ज्ञापन जिलाधिकारी के माध्यम से महामहिम राष्ट्रपति महोदय को प्रेषित किया गया।
प्रतिरोध मार्च कुंवर सिंह उद्यान गेट से कलेक्टरी कचहरी तक निकाला गया इसमें प्रमुख दुखरन राम, कॉमरेड विनोद सिंह, वेद प्रकाश उपाध्याय, डॉक्टर रविन्द्रनाथ राय, राम राज, रामजीत प्रजापति, रामकृष्ण यादव, दानबहादुर मौर्य, प्रशांत, संदीप, रामाश्रय यादव, सूबेदार यादव, राजीव यादव, बांकेलाल यादव, मुन्ना यादव आदि शामिल रहे।