उत्तर प्रदेश में आज 1 सितंबर से क्लास-1 से 5 तक के स्कूल खोले जा रहे. कोविड गाइडलाइन के मुताबिक इन स्कूलों को खोला जा रहा है ।
आज से ही स्कूल खोलने की अंतिम रूप दिया जा रहा है. इस संबंध में उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से शिक्षा अधिकारियों को पहले ही दिशा-निर्देश जारी किए जा चुके हैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने टीम-09 की बैठक में स्कूलों में कोविड प्रोटोकॉल का पूरा ध्यान रखने के सख्त निर्देश भी दिए है ।
उन्होंने कहा कि स्वच्छता, सैनिटाइजेशन का कार्य हर दिन सख्ती से होना चाहिए। पठन-पाठन के साथ-साथ बच्चों की सुरक्षा पर भी पूरा ध्यान दिया जाए। प्रशासन ने यह आश्वासन भी दिया है कि अगर चिंता के संकेत मिले तो हम स्कूल को बंद भी कर सकते हैं।”
स्कूलों का शेड्यूल:-
कक्षाएं दो पालियों में संचालित होंगी. पहली पाली सुबह 8 बजे से दोपहर 12 बजे तक और दूसरी दोपहर 12.30 से शाम 4.30 बजे तक चलेगी. दोनों पालियों में छात्रों की संख्या 50 प्रतिशत होगी.
इसके अलावा अभिभावक की अनुमति के बाद ही छात्र पढ़ाई के लिए स्कूल आ सकेंगे. वहीं माध्यमिक विद्यालयों में सोमवार से शुक्रवार तक कक्षाएं लगेंगी, जिसमें सभी छात्रों को मास्क पहनकर आना अनिवार्य होगा। सीबीएसई के आधे स्कूल एक पाली में तो आधे दोनों पालियों में चलेंगे। हालांकि दो पाली में स्कूल चलाने वाले सीबीएसई व आइसीएसई स्कूलों में करीब छह घंटे में ही दोनों पाली का शेड्यूल बनाया गया है।
गाइडलाइन के अनुसार:-
– मास्क और सामाजिक दूरी का पालन करना
– स्कूलों में दो पालियों में होगी पढ़ाई
– ऑफलाइन के साथ ऑनलाइन कक्षाओं का भी विकल्प
– सुबह 8 बजे से स्कूल खुलेंगे
कोरोना वायरस संक्रमण की वजह से ज्यादातर माता-पिता अपने बच्चों को स्कूल भेजने के लिए तैयार नहीं हैं. ऐसे में स्कूल खोलने की इतनी जल्दी क्यों मच गई यह अभी भी कुछ पैरेंट्स को समझ नहीं आ रहा ।
पैरेंट्स का कहना है कि जब तक कोरोना वायरस का खतरा पूरी तरह से टल नहीं जाता है, तबतक वे अपने बच्चों को स्कूल नहीं भेजेंगे। और वो भी तब जा माना जा रहा की तीसरी लहर में बच्चो के लिए ही खतरा बना हुआ है।
बड़े बच्चे तो सोशल डिस्टेंसिंग एवं कोरोना के नियमों का पालन कर भी लेंगे, पर कक्षा 1 से 5 तक के बच्चे काफी छोटे होते हैं। वे आसानी से कोरोना के नियमों का पालन नहीं कर पाएंगे।
लखनऊ अभिभावक विचार परिषद के अध्यक्ष राकेश कुमार सिंह ने कहा कि कक्षा 1 से 5 तक के स्कूल खोलने का आदेश बच्चों की सेहत से खिलवाड़ करने जैसा है। उन्होंने बताया कि 200 से ज्यादा अभिभावकों से इस सम्बंध में बात – चीत किया गया है । सभी ने एकमत होकर कहा कि छोटे बच्चों के स्कूल कम से कम तब तक नहीं खुलना चाहिए जब तक कोरोना का खतरा खत्म ना हो जाए।
राकेश कुमार सिंह ने कहा कि जो स्कूल अभी खोले गए हैं वहां हम लोगों ने स्वयं जाकर पता किया कक्षाओं में उपस्थिति बहुत कम हैं। ऐसे में सरकार बच्चों के स्कूल खोलने का आदेश खुद ही वापस ले तो सभी के लिए सही निर्णय होगा।
आशा है कि सितंबर में 18 साल से कम आयु के लिए टीका आ जाएगा. मंत्री जयप्रकाश सिंह ने कहा है कि टीका उपलब्ध होने पर जल्द ही अभियान चलाकर टीकाकरण कराया जाएगा।
“खेल ना खेलो इन मासूम होनहारों से
ये बस किसी की जिंदगी नहीं उनके चेहरे की मुस्कान है “
तन्वी मिश्रा की रिपोर्ट।