UttarPradesh| उत्तरप्रदेश में आज अंतिम चरण के चुनाव के लिए प्रचार का आखिरी दिन था। सभी राजनीतिक दल जनता को लुभाने के लिए अलग अलग पैतरा अपनाकर मैदान में उतरे और अपने लक्ष्य की ओर निशाना साधा। लेकिन इसी बीच सातवें चरण के चुनाव में लोगों की नजर आजमगढ़ पर टिकी हुई है। वैसे तो यहां सपा बसपा भाजपा कांग्रेस सभी ने अपने अपने कैंडिडेट मैदान में उतारे है। लेकिन चर्चाओं में अगर कोई है तो वह है यूडीए गठबंधन।
क्योंकि यूडीए ने आजमगढ़ के दीदारगंज विधानसभा सींट राष्ट्रीय उलेमा कौंसिल को दी है और विपक्ष को टक्कर देने के लिए मैदान में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय छात्रसंघ के निवर्तमान महासचिव हुजैफा आमिर रशादी मैदान में उतरे हैं।
हुजैफा आमिर रशादी वह हैं जिन्होंने हिंदू संघठन द्वारा अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय पर हुए हमले को रोकने में अहम योगदान निभाया था और नागरिकता कानून के विरोध में हो रहे धरना प्रदर्शन में भी इन्होंने अलग अलग जगहों पर लोगों को सम्बोधित किया।
क्योंकि यूडीए ने आजमगढ़ के दीदारगंज विधानसभा सींट राष्ट्रीय उलेमा कौंसिल को दी है और विपक्ष को टक्कर देने के लिए मैदान में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय छात्रसंघ के निवर्तमान महासचिव हुजैफा आमिर रशादी मैदान में उतरे हैं।
हुजैफा आमिर रशादी वह हैं जिन्होंने हिंदू संघठन द्वारा अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय पर हुए हमले को रोकने में अहम योगदान निभाया था और नागरिकता कानून के विरोध में हो रहे धरना प्रदर्शन में भी इन्होंने अलग अलग जगहों पर लोगों को सम्बोधित किया।
हुजैफा आमिर रशादी की इस सींट पर मजबूत धमक बनी हुई है और विपक्ष के सामने यह मजबूत प्रत्याशी की तरह खड़े हैं। 2012 में जब सपा की लहर थी तब भी इनकी पार्टी ने यहां दमदार प्रदर्शन दिखाया था और 32 हजार वोट हासिल किए थे। वही इस बार इनकी टक्कर मुख्य रूप से भाजपा के साथ हो रही है। भाजपा को पटखनी देने के लिए हुजैफा आमिर रशादी ने मजबूत रणनीति बना रखी है और जनता भी इनके समर्थन में दिखाई दे रही है।
4 मार्च को हुई इनकी रैली में इसका स्पष्ट प्रदर्शन देंखने को मिला। इनके काफिले में हजारों की संख्या में लोग उमड़े जिनका संख्या का सही अंदाजा लगाना मुश्किल है।
चंद्रशेखर आजाद रावण , डॉ अयूब और हुजैफा आमिर रशादी भी इस काफिले में उपस्थित रहे। इन्होंने जनता को सम्बोधित भी किया और उनसे अपने विधानसभा क्षेत्र में परिवर्तन लाने की बात कही।
4 मार्च को हुई इनकी रैली में इसका स्पष्ट प्रदर्शन देंखने को मिला। इनके काफिले में हजारों की संख्या में लोग उमड़े जिनका संख्या का सही अंदाजा लगाना मुश्किल है।
चंद्रशेखर आजाद रावण , डॉ अयूब और हुजैफा आमिर रशादी भी इस काफिले में उपस्थित रहे। इन्होंने जनता को सम्बोधित भी किया और उनसे अपने विधानसभा क्षेत्र में परिवर्तन लाने की बात कही।
हुजैफा आमिर रशादी ने कहा , दीदारगंज विधानसभा में कई ऐसे मुद्दे हैं जो आज तक किसी भी राजनीतिक दल को नहीं दिखाई दिए। यहां के लोगों की अमुख समस्या , सुरक्षा, स्वास्थ्य और इस विधनसभा का विकास है ओर मैं इसी के साथ मैदान में खड़ा हूँ यदि आप हमारे साथ खड़े होंगे और हमारा समर्थन करेंगे तो मैं आपसे वादा करता हूँ कि जो हर दीदारगंज के लोगों को नहीं मिला, जिन अधिकारों से वह वंचित रहे और जिन सुविधाओं के अभाव से दीदारगंज का विकास स्थिर हुआ उसे मैं दीदारगंज की जनता को अवश्य दिलाऊंगा। चाहे इसके लिए मुझे कितना भी संघर्ष करना पड़े चाहे बेच पर विपक्ष के साथ द्वंद्व करना पड़े।
बता दें अब तक लोग यह कयास लगा रहे थे कि इस विधानसभा पर चुनाव त्रिकोणीय है लेकिन यूडीए के काफिले ने यहां की राजनीति में हलचल मचा दी। हुजैफा आमिर रशादी के समर्थन में उतरे सैकड़ों लोगों को देखकर विपक्ष मचल उठा है और जनता को लुभाने में लग गया है। लेकिन जनता विकास के साथ खड़ी होती दिखाई दे रही है वही संकेत मिल रहे हैं यह दीदारगंज विधानसभा से प्रत्यक्ष रूप से भाजपा प्रत्याशी को टक्कर दे रहे हैं।