उच्च शिक्षा में लैंगिक समानता पर कार्यशालाओं की श्रृंखला संपन्न

अलीगढ़ 23 दिसंबरः अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के वीमेन्स कॉलेज तथा उन्नत महिला अध्ययन केंद्र (एसीडब्ल्यूएस) ने संयुक्त रूप से ‘भारत में उच्च शिक्षा में लिंग समानता को बढ़ावा देना’ विषय पर आधारित ब्रिटिश काउंसिल परियोजना के अंतर्गत लैंगिक संवेदनशीलता कार्यशालाओं की एक श्रृंखला आयोजित की।

सावित्रीबाई फुले विश्वविद्यालय (एसबीपीयू), पुणे और ब्रुनेल यूनिवर्सिटी लंदन के साथ नौ अन्य उच्च शिक्षा संस्थान इस परियोजना में एएमयू के साथ भागीदारी कर रहे हैं।

प्रो सैयदा सैय्यदैन हमीद, प्रो रूप रेखा वर्मा, प्रो दीप्ता भोग, एडवोकेट संचिता ऐन और शोधार्थी सोहनी हर्षे, सिनु सुगथन, नूपुर जैन और भाव्या गुप्ता रिसोर्स पर्सन के रूप में कार्यशाला में शामिल हुए।

प्रशासनिक कर्मचारियों के लिए एक विशेष सत्र को संबोधित करते हुए, एएमयू के कुलपति प्रो. तारिक मंसूर ने प्रतिभागियों से परिसर में लैंगिक समानता के मुद्दों पर विचार करने और लोगों को संवेदनशील बनाने और शिक्षा में समानता के लिए सर्वाेत्तम प्रथाओं को बढ़ावा देने के लिए रणनीतियों पर चर्चा करने का आग्रह किया।

महिला अध्ययन केंद्र, एसबीपीयू, पुणे की शिक्षक डॉ स्वाति दयाहद्रॉय ने ‘लिंग जागरूकता और लैंगिक समानता को बढ़ावा देना’ विषय पर वीमेंस कॉलेज में कर्मचारियों के लिए कार्यशाला का आयोजन किया और लैंगिक समानता के लिए एक अनुकूल वातावरण बनाने में उनकी भूमिका पर जोर दिया। एनजीओ निरंतर और महिला अध्ययन केंद्र, एसबीपीयू, के शोधकर्ताओं सिनु सुगथन और नूपुर जैन ने एसीडब्ल्यूएस में छात्रों के लिए ‘उच्च शिक्षा में लिंग और समानता को समझना’ पर कार्यशाला आयोजित की।

प्रोफेसर सैयदा सैय्यदैन हमीद, संस्थापक, मुस्लिम महिला फोरम, भारत ने कैंपस में विशिष्ट लैंगिक मुद्दों पर बात करते हुए कहा कि बेहतर कैंपस माहौल और छात्रों के शैक्षणिक जीवन के लिए लैंगिक मुद्दों से सम्बंधित मामलों पर प्रभावी विमर्श की आवश्यकता है।

प्रोफेसर दीप्ता भोग, सह-संस्थापक, निरंतर (जेंडर और शिक्षा केंद्र, दिल्ली) ने लैंगिक समानता के क्षेत्र में परिवर्तन लाने के लिए असमानताओं की पहचान करने के उद्देश्य से ‘शिक्षा में लिंग’ विषय पर वीमेंस कॉलेज में शिक्षकों के लिए एक कार्यशाला आयोजित की।

प्रख्यात शिक्षाविद, सामाजिक कार्यकर्ता और साझी दुनिया की संस्थापक प्रो. रूप रेखा वर्मा ने प्रो. दीप्ता भोग, डॉ. स्वाति द्याहद्रोय और अधिवक्ता संचिता ऐन, एडवोकेट-ऑन-रिकॉर्ड, सुप्रीम कोर्ट ऑफ़ इंडिया, के साथ एक गोलमेज चर्चा की और एएमयू परिसर में महिलाओं के मुद्दों पर चर्चा के लिए विषय का परिचय दिया।

प्रो. रूमाना एन. सिद्दीकी ने अतिथियों का परिचय कराया, जबकि प्रो. नईमा खातून, प्राचार्य, वीमेंस कॉलेज और प्रो. अज़रा मुसवी, निदेशक, एसीडब्ल्यूएस, के साथ प्रो. इमराना नसीम और प्रो. मुनीरा टी ने कार्यशालाओं की श्रृंखला का पर्यवेक्षण किया।

प्रो नाज़िया हसन और डॉ शादाब बानो कार्यक्रम की समन्वयक थीं।

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