बुरकानशीं लड़कियों ने किया कमाल।
जौनपुर के शाहगंज पारा कमाल स्थित असमा कॉलेज की बुरका पहनने वाली लड़कियों ने किया कमाल।
इस्लाम में पर्दा जिस्म का पर्दा होता है तरक्की और तालीम पर नहीं। लड़कियों ने मुस्लिम विरोधी, समाज को दे दिया मैसेज।
पारा कमाल स्थित असमा कॉलेज की लड़कियों ने कमाल कर दिया है।हाई स्कूल की परीक्षा में इस स्कूल की छात्रा ज़ैनब ने 92 फीसदी अंक प्राप्त किया है।रुश्दा खान ने 90 % , निदा अंजुम ने 89.5 % और नमीरा कामरान ने 84 फीसदी अंक हासिल किया है।इस वर्ष कुल 43 लड़कियों ने हाईस्कूल की परीक्षा दी थी जिसमे 20 लड़कियों के अंक 80 प्रतिशत से ज़्यादा हैं।
पराकमाल के मशहूर इस्लामी स्कॉलर मौलाना अब्दुल वहीद साहब ने डेढ़ दशक पहले असमा कॉलेज की बुनियाद डाली थी।मकसद यह था कि मुस्लिम लड़कियों को इस्लामी माहौल में पर्दे के साथ बेहतर तालीम मिले।मौलाना और उनके बेटे अम्मार वहीद की कोशिशें रंग लाती हुई दिखाई दे रही हैं।खेतसराय और शाहगंज इलाके का यह पहला ऐसा स्कूल है जहां की छात्राओं ने 90 फ़ीसदी तक अंक प्राप्त किया है।
विद्यालय प्रबंधन की तरफ़ से आज छात्राओं को सम्मानित किया गया और उनके रौशन मुस्तकबिल के लिए दुआ की गईं।हम हज़रत मौलाना अब्दुल वहीद साहब, उनके बेटे अम्मार वहीद, हम्माम वहीद को इस ऐतिहासिक कामयाबी के लिए मुबारकबाद पेश करते हैं , और यह उम्मीद करती हैं इस विद्यालय की छात्राएं आगे चल कर देश , समाज और क़ौम का नाम रौशन करेंगी.
आजमगढ़ में लड़कियों का सबसे बड़ा मदरसा यहां के जिम्मेदार मौलाना ताहिर मदनी का इंटरव्यू देखें।