मुंबई| सियासत की गर्माहट के बीच शिवसेना और भाजपा के मध्य एक बार पुनः ठन गई है। भाजपा ने शिव सेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के उस बयान पर पलटवार किया है जिसमे उन्होंने कहा था की राजनीति के लिए हिंदुत्व का इस्तेमाल किया जा रहा है। पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडनवीस ने कहा शिवसेना वो पार्टी है जिसकी एक सुनिश्चित सोंच है। वहीं वर्ष 1984 में उनकी पार्टी के सदस्य ने भाजपा के चुनाव चिन्ह पर चुनाव लड़ा था।
देवेंद्र फडनवीस ने आगे कहा, मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के बयानों से यह स्पष्ट है की वह हाल ही में हुए नगर पंचायत और निकाय चुनाव ने पार्टी का चौथा स्तर देखकर घबरा गए हैं और इस प्रकार के बयान दे रहे हैं। उन्होंने ठाकरे को इंगित करते हुए उनसे पूंछा तब आप कहां थे जब राममंदिर आंदोलन हुआ था गोलियां चली थी। आज मोदी के नेतृत्व में उत्तरप्रदेश को राममंदिर की भेंट मिली है। क्योंकि शिवसेना का हिंदुत्व महज कागजी घोषणा पत्र है। वह आज तक औरंगाबाद का नाम नहीं परिवर्तित कर पाए और यदि भाजपा से तुलना कर रहे हैं तो भाजपा ने तो इलाहाबाद का नाम परिवर्तित करके प्रयागराज कर दिया है।
जाने क्यों हुआ विवाद:-
बता दें शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने एक कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा था की शिवसेना ने भाजपा के साथ रहकर अपने 25 साल बर्बाद कर दिए हैं। शिवसेना ने भाजपा के साथ गठबंधन सिर्फ इस उद्देश्य से किया था क्योंकि वह हिंदुत्व के लिए सत्ता चाहती थी लेकिन शिवसेना ने कभी सत्ता के लिए हिंदुत्व का उपयोग नहीं किया है। उन्होंने आगे कहा, हिंदुत्व आज भी शिवसेना का नारा है बस हमने अवसरवादी हिंदुत्व का उपयोग करना छोड़ दिया है।
By. Priyanshi Singh