सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव का ऐलान, नहीं लड़ेंगे यूपी का विधानसभा चुनाव, लेकिन पार्टी करेगी अंतिम फैसला7

समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने सोमवार को ये साफ कर दिया कि वो अगला यूपी विधानसभा का चुनाव नहीं लड़ेंगे। हालांकि सपा ने इसका खंडन भी कर दिया है। अखिलेश यादव फिलहाल आजमगढ़ से सपा के सांसद हैं।

 

समाचार एजेंसी पीटीआई के एक साक्षात्कार में अखिलेश ने कहा- “मैं खुद विधानसभा चुनाव नहीं लड़ूंगा।” एजेंसी की रिपोर्ट में यह भी कहा गया है- “हालांकि, बाद में यादव ने कहा कि उनके चुनाव लड़ने पर अंतिम निर्णय पार्टी द्वारा लिया जाएगा।”

 

इसके बाद पार्टी ने यादव के इस स्टेटमेंट को खारिज कर दिया है। पार्टी के एक राष्ट्रीय प्रवक्ता ने इस बयान का खंडन किया और फिर एक वीडियो संदेश जारी किया कि उम्मीदवारों पर “अंतिम निर्णय” की घोषणा जल्द ही की जाएगी।

 

द इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए, सपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने इस बात से इनकार किया कि अखिलेश ने चुनाव नहीं लड़ने के बारे में बयान दिया था।

उन्होंने कहा- “यह उन्होंने किसी से नहीं कहा। वह चुनाव लड़ेंगे या नहीं, इस बारे में फैसला पार्टी करेगी और अभी यह नहीं हुआ है। पार्टी उनके नेतृत्व में चुनाव लड़ेगी और हमें राज्य में सरकार बनाने का भरोसा है।

इससे पहले अखिलेश यादव ने यह भी कहा कि चुनाव के लिए उनकी पार्टी और राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) के बीच गठबंधन को अंतिम रूप दे दिया गया है। उन्होंने कहा- “रालोद के साथ हमारा गठबंधन अंतिम है। सीट बंटवारे को अंतिम रूप दिया जाना है”।

 

चुनाव में चाचा शिवपाल यादव की प्रगतिशील समाजवादी पार्टी लोहिया (पीएसपीएल) को साथ लेने की संभावना पर उन्होंने कहा, “मुझे इसमें कोई समस्या नहीं है।

 

उन्हें और उनके लोगों को उचित सम्मान दिया जाएगा।” अखिलेश यादव ने रविवार को दावा किया था कि 2022 के विधानसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में सभी वर्गों के लोगों ने राज्य में उनकी पार्टी को सत्ता में लाने का मन बना लिया है।

 

उन्होंने हरदोई में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि सपा के सत्ता में आने के बाद उत्तर प्रदेश समृद्धि की राह पर लौटेगा।

 

अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुटे अखिलेश यादव बीजेपी पर लगातार निशाना साध रहे हैं।

 

अखिलेश प्रदेश भर में इन दिनों चुनावी दौरे करते हुए ये दावा कर रहे हैं कि बीजेपी ने केवल यूपी के लोगों को लूटा है और आगामी चुनाव में उसका सफाया हो जाएगा।

 

 पिछले हफ्ते, भाजपा के एक विधायक और छह बसपा विधायकों ने समाजवादी पार्टी का दामन थाम लिया था। जिसके बाद अखिलेश यादव ने कहा था कि आने वाले दिनों में भाजपा परिवार भागता परिवार बन जाएगा।

 

बता  दें कि समाजवादी पार्टी 2017 के यूपी विधानसभा चुनावों में सत्ता बरकरार रखने में विफल रही थी और उसे केवल 47 सीटें मिली थीं। बीजेपी ने 2017 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में 312 सीटों पर जीत हासिल की, जिसके बाद योगी आदित्यनाथ को राज्य का मुख्यमंत्री बनाया गया।
 
 अब एक बार फिर से दोनों पार्टियां 2022 में सत्ता पर कब्जा करने के लिए आमने-सामने है। इन दोनों के अलावा प्रियंका गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस भी जोर-शोर से चुनाव प्रचार में लगी है।
 
By: Poonam Sharma 
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