IFS Sneha Dubey की सफलता की कहानी युवाओं के लिए प्रेरणा बनी

“Daughter’s Day Special” Sneha  Dubey:  25 सितम्बर की सुबह में एक नाम ट्विटर पर ट्रेंड हुआ।

इस साहसी कार्य को लेकर सोशल मीडिया पर उनकी तारीफों के पुल बांध रहे है। 

 

(IFS Sneha Dubey)की सफलता की कहानी युवाओं के लिए प्रेरणा बनी है।

2012 बैच की महिला अधिकारी  IFS बनने के बाद विदेश मंत्रालय में नियुक्त की गईं।

जिसके बाद 2014 में उन्हें भारतीय दूतावास मैड्रिड में भेजा गया।

 

पिछले कुछ सालों से यह देखने में आ रहा है कि UN में देश का प्रतिनिधित्व करने के लिए भारत अपने युवा डिप्लोमेट्स को आगे करता आ रहा है। 

  

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री Imraan Khan द्वारा UNGA में कश्मीर का मुद्दा छेड़ा तो भारतीय मिशन की प्रथम सचिव Sneha Dubey ने राइट टू रिप्लाई का इस्तेमाल करते हुए बड़े ही प्रभावी तरीके से पाकिस्तान के PM Imraan Khan को आईना दिखाया।

 

पाकिस्तान का इतिहास रहा है कि वो आतंकवादियों को खुला समर्थन देता आया है। पाकिस्तान ने झूठ का सहारा लेते हुए पहले की तरह इस बार भी UN के प्लेटफॉर्म का गलत इस्तेमाल किया है और भारत के खिलाफ गलत बयानबाजी की है।

 

Sneha ने कहा कि पाक में हो रही गतिविधियों से दुनिया का ध्यान हटाने के लिए पाकिस्तानी नेता इस तरह के मनगढ़ंत बयान दे रहे हैं। उनके देश में आतंकी खुले घूमते हैं, और आम नागरिक, खासकर वहां रह रहे अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों पर आए दिन अत्याचार होते हैं। लेकिन इससे अलग पाकिस्तान कश्मीर पर राग अलाप रहा है। 

 

न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा की 76वीं सालाना बैठक में आगे Sneha ने ये भी कहा कि “जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के संपूर्ण केंद्र शासित प्रदेश भारत के अभिन्न और अविभाज्य अंग थे, हैं और हमेशा रहेंगे। इसमें वे भी क्षेत्र शामिल हैं जो पाकिस्तान के अवैध कब्जे में हैं।

 

हम पाकिस्तान से उसके अवैध कब्जे वाले सभी क्षेत्रों को तुरंत खाली करने के लिए कहते हैं।” भारत का पक्ष रखते हुए वहां पर पाकिस्तान के हरकतों की पोल खोल दी और एक बार पुनः पाकिस्तान को अपने गिरेबान में झाँकने के लिए मजबूर कर दिया।   

 

Sneha Dubey का करियर:  संयुक्त राष्ट्र महासभा में भारत की प्रथम सचिव हैं। Sneha ने फर्ग्यूसन कॉलेज पुणे से ग्रैजुएशन करने के बाद जवाहरलाल यूनिवर्सिटी नई दिल्ली से जियोग्राफी में मास्टर्स की पढ़ाई करी है।

 

अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर अधिक रूचि होने के कारण Sneha ने जवाहरलाल यूनिवर्सिटी (JNU) में ही स्कूल ऑफ इंटरनैशनल स्टडीज में एमफिल की पढ़ाई पूर्ण की। साल 2011 में पहले प्रयास में Sneha ने UPSC में कामयाबी हासिल कर ली। 

 

2012 बैच की महिला अधिकारी: युवाओं के लिए प्रेरणा बनी 2012 बैच की महिला अधिकारी हैं। IFS बनने के बाद उनकी नियुक्ति विदेश मंत्रालय में हुई। जिसके बाद 2014 में उन्हें भारतीय दूतावास मैड्रिड में भेजा गया। संयुक्त राष्ट्र महासभा में भारत की पहली सचिव हैं। शुरुआत से ही उनकी रुचि अंतरराष्ट्रीय मामलों में थी, ऐसे में उन्होंने भारतीय विदेश सेवा में जाने का फैसला किया। 

 

Jamshedpur में जन्मी Sneha का जन्म लौहनगरी (Tatanagar) शहर के केबल टाउन में हुआ है। उनके पिता JP Dubey शहर की केबुल कंपनी में इंजीनियर थे। वर्ष 2000 में कंपनी के बंद हो जाने के बाद उनका  पूरा परिवार गोवा चला गया। वहां उनके पिता को फिनोलेक्स केबल कंपनी में जॉब मिल गई। जिसके बाद Sneha ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा वहीं से की। 

 

उनकी सफलता की कहानी में खास बात यह रही कि उनके परिवार में इसके पहले कोई भी सदस्य सिविल सेवा में नहीं रहा। उनके पिता मल्टीनेशनल कंपनी में काम करते हैं, और मां शिक्षिका हैं। वहीं Sneha के भाई कारोबार करते हैं। 

 

Sneha की यह सफलता युवाओं के लिए प्रेरणा का काम कर रही है। ऐसा वह हमेशा से ही करना चाहती थी।  

 

आकाश हमेशा से आपका है, 

उसमें पक्षी की तरह उड़ान भरनी है या तारे की तरह चमकना है, 

ये आपको सोचना है। 

 

By: Tanwi Mishra 

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