तेजस्वी के विधायक के क्षेत्र बड़हरिया सिवान में चेहल्लुम का नहीं निकला जुलूस: बेदारी कारवाँ
पटना: तथाकथित सेक्युलर सरकार और वो भी राजद विधायक के क्षेत्र बड़हरिया सिवान में आज चेहल्लुम का जुलूस नहीं निकाला गया। प्रशासन ने भी चुप्पी साध लिया। तथाकथित सेक्युलर पार्टी राजद का माला जपने वाले लोग ऐसा लगता है विलुप्तहो गए हैं। पिछले दिनों महावीरी अखाड़े के बहाने किए गए मुस्लिम समुदाय पर हमले से नाराज बड़हरिया सिवान के लोग चेहल्लुम का जुलूस नहीं निकालने के लिए सिवान जिलाधिकारी को चिठ्ठी लिखने पर मजबूर हो गए।
देख लो इस चिठ्ठी को मुस्लिम समुदाय ने अपने ऊपर और मस्जिद पर हुए हमले को लेकर जिलाधिकारी को चिठ्ठी लिखा के हमें स्थानीय प्रशासन पर विश्वास नहीं है इसलिए हमलोग जुलूस नहीं निकालेंगे। प्रशासन को इसपर विचार करना चाहिए और मुस्लिम समुदाय के लोगों से वार्ता करनी चाहिए। लेकिन प्रशासन तो पहले से ही संघी मानसिकता बनाए बैठी है। और ऐसा लगता है के प्रशासन इसी इंतजार में थी यही कारण है के चिठ्ठी को कचड़े के डब्बे में डाल दिया गया। मुस्लिम बेदारी कारवाँ के अध्यक्ष नजरे आलम ने बड़हरिया समेत सिवान जिला के हालात पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा के सरकार को अविलंब प्रशासनिक फेरबदल करना चाहिए ताकि संघी मानसिकता वाले अधिकारी से बिहार, बिहार की जनता और विशेष रूप से मुस्लिम समुदाय सुरक्षित रह सके। नजरे आलम ने आगे कहा के तेजस्वी यादव मुस्लिम समुदाय को बिल्कुल असहाय समझ लिए हैं समय इसका सही जवाब देगा। वहीं उन्होंने तथाकथित सेक्युलर का माला जपने वालों पर जमकर हमला बोला और कहा के थोड़ा भी शर्म बाकी हे तो चुप्पी तोड़ो और पूछो तेजस्वी यादव से के क्या वो अपनी पार्टी का पुराना इतिहास दोहराने की कोशिश में है जैसे पिछले 15 सालों में राजद सरकार में मुस्लिम समुदाय को सिर्फ दंगा-फसाद में उलझाकर पीट जाता रहा है वही खेल अब भी वह खेलना चाह रहे हैं, तो हम मुस्लिम समुदाय उनके इस कोशिश का स्वागत करेंगे, अगर नहीं तो इस प्रकार के सभी मामले को गंभीरतापूर्वक ले और मुस्लिम समुदाय पर हो रहे हमले को अविलंब रोके और न्याय करे साथ साथ मुस्लिम समुदाय को यह एहसास दिलाए के कानून सभी के लिए बराबर है। राजनीति में कोई किसी का गुलाम नहीं होता है। सारी तथाकथित सेक्युलर पार्टियों का ठेका मुस्लिम समुदाय के पास ही नहीं है मुस्लिम समुदाय के पास भी अब बहुत विकल्प है। इतिहास दोहराने का मौका हम भी देने वाले नहीं हैं।