बेकसूर ऑटो चालक के परिजन को जल्द मिले इन्साफ नहीं तो होगा आन्दोलन: नज़रे आलम
शुक्रवार की देर रात जिस तरह से शहर के मौलागंज निवासी एक 24 वर्षीय ऑटो चालक नंदू का अपराधियों ने पहले हाथ पाँव को तोड़ा और फिर छाती में गोली में मारकर हत्या कर दी वह दिखाता है कि यह सारी घटनाएं प्रशासन प्रायोजित हैं।
बिना पुलिस प्रशासन के इतनी बड़ी बड़ी घटना का बीच शहर में हो जाना संभव नहीं है। जी.एम. रोड हत्याकांड ने तो वैसे पहले ही जिला प्रशासन से आम लोगों के भरोसे को डिगा कर रख दिया है। ऐसे में अब उसके कुछ दिनों बाद ही एक और इस तरह की घटना ने रही सही कसर को भी पूरा कर दिया है ।
नंदू की हत्या से आक्रोशित ऑल इंडिया मुस्लिम बेदारी कारवां के राष्ट्रीय अध्यक्ष नज़रे आलम ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि दरभंगा में पदस्थापित प्रभारी वरीय पुलिस अधीक्षक को जिले में लाया ही इस लिए गया है ताकि अपराधियों को संरक्ष्ण उच्चित ढंग से प्रदान किया जा सके। यदि वाकई बिहार के मुखिया नीतीश कुमार राज्य में क़ानून व्यवस्था की दुहाई देते हैं तो सबसे पहले अपने इस जांबाज़ पुलिस पदाधिकारी पर मुकदमा दर्ज करवा कर इनकी जांच करवाएं ।
लेकिन यह संभव नहीं है। क्योंकि यहाँ वर्दी के साथ खाकी का भी गठजोड़ है। ऐसे में यदि वर्दी गयी तो खाकी पर भी दाग लगना तय है। नज़रे आलम ने कहा कि अब ना तो दरभंगा और ना ही ऑल इंडिया मुस्लिम बेदारी कारवां दरभंगा में इस तरह की घटनाओं को सहन करेगा।
यदि पुलिस प्रशासन 48 घंटे के भीतर अपराधियों को गिरफ्तार नहीं करती है और पीड़ित परिवार को उचित मुआवजा नहीं दिलावाती है तो हम सड़कों पर उतर कर उग्र प्रदर्शन करेंगे और राज्य की सरकार के खिलाफ एक ऐसी मुहीम शुरू करेंगे जो उनकी सत्ता और स्ताधारियों के अमानवीय गुरुर को चकनाचूर कर रख देगा।