Congress के वरिष्ठ नेता GhulamNabiAzad ने पार्टी छोड़ दी है. पार्टी से जुड़ी अपनी सभी जिम्मेदारियों से इस्तीफा देने के अलावा उन्होंने कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता भी छोड़ दी है. आजाद ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को एक चिट्ठी भेजकर यह जानकारी दी. इसमें आजाद ने RahulGandhi की लीडरशिप और नेतृत्व क्षमता-शैली पर गंभीर सवाल उठाए हैं.
आजाद ने लिखा है कि राहुल गांधी की राजनीति में एंट्री और उन्हें उपाध्यक्ष बनाए जाने के बाद उन्होंने पार्टी के समूचे ConsultativeMechanism को खत्म कर दिया. सभी वरिष्ठ और तजुर्बेकार नेता दरकिनार कर दिए गए और बिना अनुभव वाले “सिकोफैंट्स” पार्टी चलाने लगे.
2013 में मीडिया के सामने राहुल गांधी ने मनमोहन सरकार के एक ऑर्डिनेंस की प्रति फाड़ी थी. इस प्रसंग को आजाद ने राहुल गांधी की अनुभवहीनता की सबसे बड़ी मिसालों में एक बताया है. आजाद के मुताबिक, जिस “रिमोट कंट्रोल मॉडल” ने यूपीए सरकार की संस्थागत ईमानदारी और नैतिक मूल्यों को खत्म किया, वही चीज अब कांग्रेस के साथ हो रही है.
आजाद ने सोनिया गांधी को संबोधित करते हुए लिखा है, “आप नाम के लिए प्रमुख हैं, लेकिन सारे अहम फैसले राहुल गांधी लेते थे. या शायद इससे भी बदतर ये हो रहा था कि उनके सिक्यॉरिटी गार्ड और निजी सहायक फैसले ले रहे थे.”
आजाद ने आगे लिखा है, “आज जो मंडली अखिल भारतीय कांग्रेस कमिटी को चला रही है, उसके निर्देश पर जम्मू में मेरी सांकेतिक अंतिम यात्रा निकाली गई. जिन्होंने ये अनुशासनहीनता की, एआईसीसी के महासचिवों और राहुल गांधी ने निजी तौर पर दिल्ली में उनका स्वागत किया.” आजाद के मुताबिक, कांग्रेस ऐसी स्थिति में पहुंच गई है, जहां से लौटने की गुंजाइश नहीं दिखती.