अलीगढ़। आज हुई बारिश के कारण शाहजमाल, ईदगाह और कब्रिस्तान के पास हुए भारी जलभराव को लेकर समाजवादी पार्टी के पूर्व विधायक हाजी जमीर उल्लाह खान ने सीधा-सीधा नगर निगम प्रशासन को दोषी ठहराया। उन्होंने कहा कि कुछ दिन पहले मैंने शहर की जनता को साथ लेकर कब्रिस्तान के सौंदर्यीकरण के लिए एक समिति बनाकर शाहजमाल कब्रिस्तान में निर्माण कार्य शुरू कराया था। तब भाजपा और अलीगढ़ प्रशासन ने मिलकर यह कार्य रुकवा दिया।
और अलीगढ़ प्रशासन द्वारा शाहजमाल, ईदगाह व कब्रिस्तान के आसपास के नालों का पानी ईदगाह कब्रिस्तान की तरफ मोड़ दिया गया। जिससे जब भी बारिश होती है सारा पानी कब्रिस्तान और ईदगाह की तरह ही दौड़ता है। आने वाले दिनों में ईदगाह कब्रिस्तान का बड़ा नुकसान होगा। यह सोची समझी साजिश है। अब प्रशासन और भाजपा के लोग कहां हैं ? जो कब्रिस्तान में हो रहे निर्माण कार्य को रुकवाने के लिए आ गए थे। क्या उनमें जरा सी भी इंसानियत नही बची। क्या ईदगाह और कब्रिस्तान जैसे स्थलों के लिए उनके दिलों में जरा सी भी मानवता नहीं है।
जो लोग दुनिया से चले गए। उनकी कब्रों की यह हालत देखकर उनके दिलों में जरा सा भी ख्याल नहीं आता। मैं इसका कड़ा विरोध करता हूँ। इस मौके पर पूर्व विधायक ने कहा, मैं पूछता हूँ क्या पुराना शहर अलीगढ़ हाउस टैक्स नहीं देता ? स्मार्ट सिटी के नाम पर अलीगढ़ शहर में क्या काम हुआ ? स्मार्ट सिटी के नाम पर अलीगढ़ शहर की जनता को क्यों धोखा दिया गया। स्मार्ट सिटी के नाम पर करोड़ों अरबों रुपए का खेल खेला गया। जनता से लिया गया करोड़ों रुपए का हाउस टैक्स स्मार्ट सिटी के नाम पर उड़ा दिया गया। अलीगढ़ प्रशासन बताऐ।
क्या अलीगढ़ की सबसे बड़ी ईदगाह और कब्रिस्तान स्मार्ट सिटी का हिस्सा नहीं हैं ? ईदगाह और कब्रिस्तान को हो रहे नुकसान से बचाव के लिए प्रशासन ने क्या इंतजाम किए ? मैंने शहर की जनता के साथ कब्रिस्तान का सुंदरीकरण कराया था। इसमें प्रशासन का कोई सहयोग नहीं मिला था। फिर प्रशासन को कब्रिस्तान का कार्य रुकवाने की क्या जरूरत आन पड़ी। कब्रिस्तान भी तो स्मार्ट बन रहा था। उससे भी तो अलीगढ़ शहर का नाम रोशन होता। आखिर प्रशासन से यह बात क्यों सहन नहीं हुई। अगर कब्रिस्तान स्मार्ट हो रहा था। तो प्रशासन और भाजपा को बेचैनी क्यों हुई। और अगर प्रशासन ने मेरी बात नहीं सुनी तो ईदगाह कब्रिस्तान को बचाने के लिए शहर की जनता को लेकर सड़क पर आंदोलन करने पर बाध्य होउंगा।