एडिटर्स गिल्ड ऑफ़ इंडिया और भारतीय महिला प्रेस कॉर्प ने भी 102 निर्दोष लोगों पर लगाए गए फ़र्ज़ी UAPA की निंदा की है।
एक पत्रकार श्याम मीरा सिंह पर केवल इसलिए कार्यवाही की गई है क्योंकि उसने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर यह लिख दिया था कि ‘त्रिपुरा जल रहा है’।
इस तरह की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं जहां केवल एक सामान्य टिप्पणी पर भी पत्रकारों, प्रबुद्ध नागरिकों पर कठोर कानूनी कार्यवाई की गई है। गिल्ड ने इस प्रवृत्ति को अभिव्यक्ति के स्वतंत्रता के विरुद्ध बताया है।
आगे ये भी पढ़े, त्रिपुरा पुलिस ने 102 निर्दोष लोगों पर FIR की है, जिसमें सब के सब मुस्लिम बच्चे हैं अधिकतर उत्तर प्रदेश से हैं। ये कोई आरोप नहीं है तथ्य है। कलेक्टिव FIR की कॉपी है जो कि दस पेज की है। मीडिया में इसे क्लेम(आरोप) की तरह बताया गया। Tripura is Burning नाम के ट्वीट की लिंक इसी FIR और ट्विटर नोटिस में है। जबकि त्रिपुरा हाईकोर्ट ने खुद सरकार से पूछा था कि आपके त्रिपुरा में क्या हो रहा है।
इस तरह की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं जहां केवल एक सामान्य टिप्पणी पर भी पत्रकारों, की घेराबंदी कर दी जाती है।
एडिटर्स गिल्ड आफ इंडिया (ईजीआइ) का कहना है कि सरकारें ऐसी घटनाओं पर रिपोर्टिंग को दबाने के लिए UAPA जैसे कड़े कानूनों का इस्तेमाल नहीं कर सकती हैं।
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