Delhi| भारत जो आय दिन धर्म के नाम पर सुर्खियों में रहता है। वहीं जब बात हिन्दू देवी देवताओं की हो तो कहना ही क्या 33 करोड़ देवी देवता घनी आबादी और आस्था के नाम पर बड़ी बड़ी बातें मानो भारत के लिए आम बात है। जहां अभी तक यहां के विवाद का अनुख कारण मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम बनते थे वहीं आज इस आस्था के नाम पर होने वाले विवाद ने परिवर्तन देखने को मिला है। रामभक्त अब राम मंदिर विवाद सुलझाने के बाद हनुमान जन्म भूमि स्थल पर है लेकिन ताज्जुब की बात यह है की इस विवाद में हिंदू या मुस्लिम नहीं बल्कि दो हिन्दू ट्रस्ट एक दूसरे के आमने सामने खड़े हैं और हनुमान जन्मभूमि विवाद को गति दे रहे हैं।
इन विवाद में जो दो हिंदू ट्रस्ट आमने सामने हैं उनमें एक आंध्रप्रदेश से है तो दूसरा कर्नाटक से है। इन दोनों ट्रस्ट में विवाद का कारण हनुमान जन्मस्थल है क्योंकि यह दोनो इनका जन्मस्थान अलग अलग स्थान पर होने का दावा कर रहे हैं। इस विवाद के बीच आंध्र प्रदेश में तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (TTD) ने तिरुमाला हिल्स स्थित अंजनाद्रि मंदिर और धर्मस्थल में सुविधाएं विकसित करने के लिए समारोह आयोजित करने की योजना बनाई है, जहां पिछले साल अप्रैल में राम नवमी पर हनुमान के जन्मस्थान के रूप में औपचारिक अभिषेक हुआ था।
इस योजना ने कर्नाटक हनुमान जन्मभूमि ट्रस्ट सहमत नहीं है। ट्रस्ट के संस्थापक गोविंदानंद सरस्वती मामले में तिरुमाला पहुंच सकते हैं क्योंकि वह यह मानते हैं की वाल्मीकि रामायण के मुताबिक हनुमान का जन्म किष्किंधा में हुआ था। जो हंपी के निकट तुंगभद्रा नदी के किनारे स्थित है.