इसको देखते हुए तमाम पार्टियां कुछ ऐसा कर रही हैं जिनसे जनता उनका समर्थन करे ऐसा ही कुछ नया देखने को मिल रहा है जब उत्तर प्रदेश के पूर्व CM अखिलेश यादव ने एक नया नारा दिया,
नारा कुछ इस प्रकार है ;
” UP से BJP का खदेड़ा होबे “
यूपी विधानसभा चुनाव के लिए समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव की बुधवार को मऊ में हुई पहली पूर्वांचल रैली में ‘खेला होबे’ की तर्ज पर बीजेपी के खिलाफ ‘खदेड़ा होबे’ का नारा दिया गया.
सुहेलदेव समाज पार्टी से गठबंधन के बाद उसके साथ पार्टी की यह पहली रैली थी. रैली में अखिलेश यादव ने किसानों-मजदूरों के बीच महंगाई, बेरोजगारी, कोरोना से मौतों और प्रवासी मजदूरों की बेहाली के मुद्दों को उठाया.
रैली को संबोधित करते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि जिस दरवाजे से भारतीय जनता पार्टी सत्ता में आई है वह दरवाजा ओमप्रकाश राजभर जी ने बंद कर दिया है. हम लोगों ने मिलकर उस पर चटखनी लगा दी है.
बताओ अब बीजेपी का क्या होगा? पिछड़ों, गरीबों, किसानों और मजदूरों की रैली में अखिलेश उनकी दुखती रगों को छूने की कोशिश करते रहे.
कोरोना की पहली लहर के दौरान यूपी में प्रवासी मजदूर सबसे ज्यादा पूर्वांचल में ही आए थे. उनकी तकलीफों को याद दिलाते हुए अखिलेश ने कहा कि जो गरीब थे अपना सामान लेकर, अपनी पोटली लेकर और जो कुछ कमाया था उसे लेकर क्यों महाराष्ट्र से चल दिए, क्यों गुजरात से चल दिए, क्यों देश के दूसरे हिस्से से वो अपने गांव पहुंच गए, लेकिन सरकार ने कोई सुध नहीं ली.
उन्होंने कहा कि बीजेपी ने चप्पल पहनने वालों को जहाज में चलाने का वादा किया था, लेकिन पेट्रोल इतना महंगा हो गया है कि जहाज तो क्या उनकी बाइक भी खड़ी हो गई है.
किसानों की आमदनी दोगुनी करने का वादा था, लेकिन उसकी लागत दोगुनी हो गई है. इस दौरान उन्होंने लखीमपुर खीरी मामले को भी उठाते हुए भाजपा पर निशाना साधा और कहा कि क्या हमने वो तस्वीरें नहीं देखीं जिनमें किसान अपने हक को मांगने गए, अपने अधिकारों को मांगने गया तो इस सरकार के एक मंत्री के बेटे ने उन्हें गाड़ी से कुचल दिया. जिससे उनकी जान चली गई. लेकिन गृह राज्यमंत्री ने इस्तीफा नहीं दिया है.
सपा अध्यक्ष ने आरोप लगाया, ”भाजपा वैसे भी पूंजी घरानों की संरक्षक पार्टी है. उसे अब लग रहा है कि बढ़ते जनाक्रोश के चलते उसकी सत्ता में दोबारा वापसी नहीं होने वाली है.
इसलिए वह किसानों को पूरी तरह हाशिये पर रख रही है. किसान आंदोलन को लगभग एक वर्ष हो रहा है, भाजपा सरकार ने अन्नदाता किसान को लांछित करने के साथ लाठियों से पिटवाया और टायरों से कुचलवाया है. न काले कृषि कानून वापस लिए और न ही न्यूनतम समर्थन मूल्य को अनिवार्य बनाया. अब किसान पूरी ताकत से भाजपा को सत्ता से बेदखल करेगा.”
इस बीच सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव ने अपने संसदीय निर्वाचन क्षेत्र मैनपुरी में खाद की कमी के सिलसिले में केंद्र सरकार को पत्र लिखा है.
यादव ने केंद्रीय उर्वरक मंत्री मनसुख राम मांडविया को पिछली 21 अक्टूबर को लिखे पत्र में कहा है कि उनके संसदीय निर्वाचन क्षेत्र मैनपुरी में डीएपी और एनपीके उर्वरक की व्यापक कमी होने के कारण आलू और सरसों की खेती प्रभावित हो रही है।
By: Poonam Sharma
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