UP इलेक्शन दो दलों के बीच सिमट कर रह गया, मुसलमानों का बड़ी तादाद में वोटर लिस्ट से नाम काटा गया है – तलहा रशादी।
राष्ट्रीय ओलमा कौंसिल ने यूपी विधानसभा चुनाव के बाद की समीक्षा बैठक, नए हौसले के साथ संघर्ष जारी रखने का लिया संकल्प।
आज़मगढ़: राष्ट्रीय ओलमा कौंसिल के पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं की एक महत्वपूर्ण चुनाव समीक्षा बैठक मोहम्मदपुर स्थित कार्यालय पर आयोजित हुई। बैठक की अध्यक्षता ज़िला प्रभारी शकील अहमद ने की व संचालन ज़िला अध्यक्ष नोमान अहमद ने किया।
बैठक को संबोधित करते हुए पार्टी प्रवक्ता एडवोकेट तलहा रशादी ने कहाकि, “इस बार का यूपी विधानसभा चुनाव बाइपोलर हो गया और दो दलों के बीच सत्ता परिवर्तन और सत्ता संरक्षण के नाम पर सिमट कर रह गया और आम जनमानस के मूलभूत मुद्दे एक बार फिर चुनाव से गायब हो गए।
इसी कारण पूरे चुनाव में जनता के बीच तमाम नाराज़गी के बावजूद भाजपा सत्ता में वापसी करने में कामयाब रही क्योंकि जनता की जो समस्याएं और तकलीफें थी वो चुनावी चर्चा से ही बाहर हो गयी। बसपा और कांग्रेस जैसे राष्ट्रीय दल तक 1-2 सीट में सिमट गए ऐसे हालात में भी राष्ट्रीय ओलमा कौन्सिल ने प्रदेश भर में जिन सीमित सीटों पर चुनाव लड़ा वहां मजबूती से अपनी मौजूदगी का एहसास कराया और जनता के बुनियादी मुद्दों पर लड़ा और हमे जनसहयोग भी मिला।
उन्होंने कहाकि, मुस्लिम व अन्य वंचित समाज के मतदाताओं के नाम वोटर लिस्ट से बड़े तादाद में काटे गए हैं जिसकी लगातार शिकायत मतदान के दिन आती रही हैं, हमे इसका भी नुकसान हुआ, हमे इन नामो को दुबारा वोटर लिस्ट में जोड़ने के लिए जनता के बीच जागरूकता अभियान चलाना होगा और फॉर्म भरवाना होगा। हार जीत चुनाव में होती है, हमने जनता के बीच उनके मुद्दों पर चुनाव लड़ा और उनकी आवाज़ उठाई, ये सँघर्ष ही हमारी पहचान है और ये जारी रहना चाहिए।