PM Modi ने आज राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य मिशन (NDHM)- आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन की शुरुआत की है।
इस मिशन के जरिए देश में हेल्थकेयर सेक्टर तक सभी की डिजिटल पहुंच को बढ़ाने का लक्ष्य रखा गया है।
इस मिशन के जरिए देश में हेल्थकेयर सेक्टर को सभी तक डिजिटली पहुंच को बढ़ाने का लक्ष्य रखा गया है।
सरकार का लक्ष्य है कि इस योजना के तहत हेल्थ सेक्टर में लोगों के लिए ऑनलाइन प्लेटफॉर्म तैयार किया जाए, जहां लोगों को अपना हेल्थ रिकॉर्ड और डेटाबेस रखने के साथ होलिस्टिक हेल्थकेयर तक उनकी पहुंच बने।
बता दें कि प्रधानमंत्री ने पिछले साल 15अगस्त 2020 को लाल किले से राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य अभियानके पायलट प्रोजेक्ट(Pilot Project) की घोषणा की थी।
फिलहाल इस योजना को छह केंद्रशासित प्रदेशों में प्रारंभिक चरण में लागू किया जा रहा है। (PM-DHM)6 इसके तहत केंद्र शासित प्रदेश अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, चंडीगढ़, दादरा और नगर हवेली, और दमन और दीव, लद्दाख, लक्षद्वीप और पुडुचेरी में आंकड़े जुटाए जा रहे हैं।
PM Modi ने वर्चुअली इसे लॉन्च किया:
PM Modi ने इस दौरान वीडियो कॉन्फ्रेंसिग के जरिए देश को संबोधित किया और कहा कि ‘बीते सात वर्षों में, देश की स्वास्थ्य सुविधाओं को मजबूत करने का जो अभियान चल रहा है, वो आज से एक नए चरण में प्रवेश कर रहा है।
आज एक ऐसे मिशन की शुरुआत हो रही है, जिसमें भारत की स्वास्थ्य सुविधाओं में एक नया परिवर्तन लाने की ताकत है।
हमारे देश के पास 130 करोड़ आधार नंबर, 118 करोड़ मोबाइल यूजर, 80 करोड़ इंटरनेट यूजर, 43 करोड़ जनधन बैंक खाते हैं, ऐसा दुनिया में कहीं नहीं है।
शुरुआत में इसे कुछ राज्यों में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर लागू किया जाएगा और फिर पूरे देश में विस्तार किया जाएगा। आगे उन्होंने ये भी कहा कि पहले कई गरीब ऐसे थे, जो अस्पताल जाने से बचते थे लेकिन आयुष्मान भारत आने के कारण उनका ये डर दूर हो गया है।
आयुष्मान भारत डिजिटल(ABDM) के फ़ायदे:
इस योजना के तहत नागरिकों को आधार की तर्ज पर एक यूनीक हेल्थ आईडी मिलेगी। PM ने अपने संबोधन में बताया कि आयुष्मान भारत- डिजिटल मिशन, अब पूरे देश के अस्पतालों के Digital health solution को एक दूसरे से कनेक्ट करेगा। इसके तहत देशवासियों को अब एक डिजिटल हेल्थ आईडी मिलेगी। हर नागरिक का हेल्थ रिकॉर्ड डिजिटली सुरक्षित रहेगा।’
- अभी तक लोगों को किसी दूसरी जगह इलाज के लिए जाने पर अपना पूरा मेडिकल इतिहास ले जाना पड़ता है, लेकिन जब ऐसी सुविधाएं डिजिटली होंगी तब लोगों के साथ-साथ डॉक्टर्स को भी मदद मिलेगी।
- हर नागरिक के लिए बनी एक हेल्थ आईडी उनके हेल्थ अकाउंट के तौर पर भी काम आएगी, जिससे अपने पर्सनल हेल्थ रिकॉर्ड को मोबाइल ऐप्लिकेशन की मदद से जोड़ा और देखा जा सकता है।
- इसके तहत, हेल्थकेयर प्रोफेशनल्स रजिस्ट्री (HPR) और हेल्थकेयर फैसिलिटीज रजिस्ट्रियां (HFR), मॉडर्न और ट्रेडिशनल मेडिसिन, दोनों ही मामलों में सभी हेल्थकेयर सर्विस संस्थाओं के लिए एक डेटाबेस के रूप में कार्य करेंगी।
यह डॉक्टरों के साथ ही अस्पतालों और हेल्थकेयर सर्विस देने वाली संस्थाओं के लिए व्यवसाय में भी आसानी को सुनिश्चित करेगा।
आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन:
इस मिशन को सरकार ने ऐतिहासिक करार दिया है और इसके तहत हर नागरिक के पास हेल्थ आईडी होगी। यह कार्ड पूरी तरह से डिजिटल होगा जो देखने में आधार कार्ड की तरह होगा। इस कार्ड पर आपको एक नंबर मिलेगा, जैसा नंबर आधार में होता है।
इसी नंबर से स्वास्थ्य के क्षेत्र में व्यक्ति की पहचान होगी। पब्लिक हॉस्पिटल, कम्युनिटी हेल्थ सेंटर, हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर या वैसा हेल्थकेयर प्रोवाइडर जो नेशनल हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर रजिस्ट्री से जुड़ा हो, किसी व्यक्ति की हेल्थ आईडी बना सकता है। https://healthid.ndhm.gov.in/register पर खुद के रिकॉर्ड्स रजिस्टर करा कर भी आप अपनी हेल्थ आईडी बना सकते हैं।
इससे पर्सनल हेल्थ रिकॉर्ड को मोबाइल एप्लिकेशन की मदद से जोड़ा और देखा जा सकेगा। और यह कार्ड ये भी बताएगा कि उस व्यक्ति को किन-किन सरकारी योजनाओं का लाभ मिलता है। रोगी को आयुष्मान भारत के तहत इलाज की सुविधाओं का लाभ कभी मिला है भी या नहीं।
By :Tanwi Mishra
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