New Wage Code 2021, 8 की जगह 12 घंटे करना पड़ेगा काम, मज़दूर और नौकरी करने वालों पर क्या असर पड़ेगा

केंद्र जल्द ही नए लेबर कोड (New Labour Code 2021) लागू कर सकता है, जिससे कंपनियों की Provident fund(PF) की देनदारी बढ़ेगी और कर्मचारियों के घर ले जाने के वेतन Salary में कमी आएगी।

चार श्रम संहिताओं (labour code) का  कार्यान्वयन (implementation), जो औद्योगिक संबंधों, मजदूरी, सामाजिक सुरक्षा और व्यावसायिक स्वास्थ्य सुरक्षा और काम करने की स्थिति पर 44 केंद्रीय श्रम कानूनों को युक्तिसंगत (rational) बनाएगा, केंद्रीय श्रम मंत्रालय द्वारा इस साल 1 अप्रैल से  New Labour Law 2021 शुरू करने की परिकल्पना की गई थी।

हालांकि, संहिताओं को लागू नहीं किया जा सका क्योंकि कई राज्य अपने अधिकार क्षेत्र में इन संहिताओं के तहत नियमों को अधिसूचित करने में सक्षम नहीं थे।

फिलहाल, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, मध्य प्रदेश, बिहार और जम्मू-कश्मीर ने ड्राफ्ट रूल्स को पब्लिश किया है। हरियाणा, मेघालय, छत्तीसगढ़, गोवा, सिक्किम, त्रिपुरा और झारखंड के ड्राफ्ट रूल्स अंतिम चरण में हैं।  

भारत के संविधान के तहत, श्रम एक समवर्ती विषय है, इसलिए राज्यों और केंद्र दोनों को अपने-अपने अधिकार क्षेत्र में कोड को कानून में बदलने के लिए नियमों को अधिसूचित करना आवश्यक है। 

 

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, केंद्रीय श्रम सचिव अपूर्व चंद्रा ने को बताया है कि कर्मचारियों के लिए हफ्ते में अध‍िकतम 48 घंटे तक ही काम करने की सीमा तय की गई है। 

 

 ये श्रम कानून संशोधन 2020 में UP समेत 7 BJP शासित राज्यों में यह कानून लागू किया गया था। इस कानून में काम करने के घंटों को 8 की जगह 12 घंटे कर दिया गया है लेकिन यहां सरकार ने कहा है कि 12 घंटे का काम वर्कर अपनी इच्छा से कर सकता है। नया श्रम कानून अप्रैल 2021 के तहत सप्ताह में मिलेगी तीन दिन की छुट्टी देगी।

आपको बता दें की अब केंद्र सरकार देश में नया श्रम कानून शुरू करने जा रही है। इस कानून के तहत सरकार के श्रम एंव रोजगार मंत्रालय के अनुसार कर्मचारियों को अब 9 घंटे के बदले 12 घंटे की शिफ्ट करनी पड़ सकती है। इसके लिए उन्हें हर 5 घंटे के अंतराल में आधा घंटा का ब्रेक मिलेगा। इसके साथ ही आप कर्मचारियों को केवल सप्ताह में 48 घंटे ही काम करना होगा। जिससे उन्हें 12 घंटे काम करने पर सप्ताह में तीन छुट्टीयां मिलेगी। अगर कोई कर्मचारी चाहे तो एक दिन में ही 10 से 12 घंटे काम करे और हफ्ते के छह दिन काम करने की जगह 4 से 5 दिन में ही अपना टारगेट पूरा कर ले। इसमें बीच में अल्पकालिक अवकाश (इंटरवल) भी शामिल हैं। 

 

वर्तमान नियम: 

मौजूदा प्रावधानों के तहत आठ घंटे के वर्किंग ऑवर में कार्य सप्ताह छह दिन का होता है तथा एक दिन अवकाश का होता है। प्रस्ताव के अनुसार, कोई भी व्यक्ति कम से कम आधे घंटे के इंटरवल के बिना पांच घंटे से अधिक लगातार काम नहीं करेगा। वर्तमान नियम के तहत, 30 मिनट से कम का ओवरटाइम ओवरटाइम के रूप में योग्य नहीं है। मसौदा नियमों ने किसी भी कर्मचारी को 5 घंटे से अधिक समय तक लगातार काम करने से प्रतिबंधित किया है। 

कर्मचारी को हफ्ते के बाकी दिन पेड लीव यानी साप्ताहिक अवकाश दिया जाएगा। चंद्रा ने बताया कि श्रम एवं रोजगार मंत्रालय जल्द ही चार लेबर कोड के नियमों को अंतिम रूप दे देगा।  

 

2021 के अनुसार ओवरटाइम नियम: 

OSCH कोड के मसौदे के नियमों में कहा गया है कि 15 से 30 मिनट के बीच के ओवरटाइम को 30 मिनट का ओवरटाइम माना जाएगा। 

न्यू लेबर कोड के ड्राफ्ट नियमों में 15 से 30 मिनट के बीच के अतिरिक्त कामकाज को भी 30 मिनट गिनकर ओवरटाइम में शामिल करने का प्रावधान है। साथ ही ड्राफ्ट के नियमो के अनुसार किसी भी कर्मचारी से 5 घंटे से ज्यादा लगातार काम कराने की मनाही है। कर्मचारियों को हर पांच घंटे के बाद आधा घंटे का रेस्ट देना आवश्यक होगा। 

 

 

 न्यूनतम सैलरी का प्रवधान 

नए श्रम कानून के मुताबिक देश में सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के सभी कर्मचारियों को अब न्यूनतम वेतन देना होगा। यह प्रावधान प्रवासी श्रमिकों को ध्यान में रखकर विकसित किया गया है। यह कर्मचारियों की सामाजिक सुरक्षा के लिए उपयोगी होगा। इसके अलावा, सभी कर्मचारियों (औपचारिक और असंगठित क्षेत्र के कर्मचारियों) को राज्य कर्मचारी बीमा कवरेज भी प्रदान किया जाएगा। इसके अलावा, सभी महिला कर्मचारी रात की पाली में काम कर सकेंगी। 

 

पोर्टल के बारे में चंद्रा ने बताया कि इस पोर्टल पर अल्पकालिक ठेकों या काम के आधार पर सेवाएं देने वाले कर्मियों, निर्माण क्षेत्र में कार्यरत मजदूरों और दूसरे राज्यों से मजदूरी के लिए आने वाले श्रमिकों से संबंधित सूचनाएं जुटाई जाएगी।

 

इस पर ऐसे मजदूरों के पंजीकरण की सुविधा होगी। उन्हें एक साल के लिए प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना के तहत मुफ्त बीमा संरक्षण दिया जाएगा। चंद्रा ने यह भी बताया कि श्रम ब्यूरो ने चार नए सर्वे कराएगा जो दूसरे राज्यों से आने वोले मजदूरों , घरेलू श्रमिकों , पेशेवरों तथा परिवहन क्ष्रेत्र द्वारा सृजित रोजगार से संबंधित होंगे। ब्यूरो प्रतिष्ठानों पर आधारित एक अखिल भारतीय रोजगार सर्वेक्षण  शुरू कराएगा।    

 

कोरोना संकट के कारण देश में लंबे अर्से तक लॉकडाउन लगा था। और अब देश कि अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए इस कानून में कई बड़े बदलाव किए गये हैं। हालांकि इन बदलावों को लेकर विपक्षी पार्टियां सरकार पर हमलावर हैं।

 

कुछ ड्राफ्ट्स में 3 कोड का ही ज़िक्र किया है, चौथे कोड Occupational Safety, Health and working conditions का ज़िक्र नहीं किया गया है। यही वजह है कि इसे अभी लागू नहीं किया जा सका। हालांकि,1 अक्टूबर से भी ये लागू होगा इस पर सूत्रों को शंका है।  

By: Tanwi Mishra 

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