Uttarpradesh Election 2022| उत्तरप्रदेश में सियासी जंग में पांच चरण पूरे हो चुके हैं और सभी राजनेताओं ने छठवे चरण के लक्ष्य को भेदने के लिए कदम रख दिए हैं। अब इस छठवें चरण के आरंभ में कुछ राजनेता ऐसे भी हैं जिनके सामने बड़ी चुनौती है। अपनी छवि बचाने की। जिसमे बड़ा नाम शामिल हैं प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का।
क्योंकि इस बार की राजनीति में एक बड़ा परिवर्तन हुआ है और सभी की नजर गोरखपुर पर टिकी हुई है। वही गोरखपुर जहां से प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ चुनावी रण में उतरे हुए हैं। वही गोरखपुर जहां से 1998 से योगी आदित्यनाथ ने लगातार जीत दर्ज की है। वही गोरखपुर जहां से निकलकर एक सन्यासी ने यूपी की बागडोर संभाल ली।
लेकिन इस बार गोरखपुर की कहानी पलट गई है और योगी को टक्कर देने के लिए गोरखपुर चन्द्रशेखर आजाद रावण पहुंच गए हैं। वही चंद्रशेखर आजाद रावण जो दलित समाज के लिए मसीहा बनकर खड़े हुए हैं और बसपा के बाद अब युवाओं की पहली पसंद बने है।
चंद्रशेखर भले ही राजनीति में नए आए हो लेकिन उनका लक्ष्य नया नही है वह गोरखपुर प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ का वर्षो पुराना रिकॉर्ड तोड़ने के उद्देश्य से पहुंचे हैं और उनका मानना है कि सुनिश्चित तौर पर वह अपने लक्ष्य को भेदने में सफल होंगे और गोरखपुर में योगी को मात देंगे।
क्या है चंद्रशेखर आजाद रावण का लक्ष्य:-
यदि हम इतिहास पर गौर करें तो वह ऐसा लगता पलट कर फिर हमारी आंखों के सामने आ गया है। वर्ष 2014 जब बनारस में मोदी के नाम का डंका बज रहा था तो अरविंद केजरीवाल ने उन्हें उन्हीं के गढ़ में टक्कर दी थी।
हालांकि मोदी समर्थकों के आगे अरविंद केजरीवाल को जीत नही हांसिल हुई हो 3,71,784 वोट के अंतर से मोदी ने अरविंद केजरीवाल को शिकस्त दी।
वही अब चंद्रशेखर आजाद वर्ष 2022 में योगी को टक्कर देने उनके गढ़ गोरखपुर पहुंच गए हैं। फर्क बस इतना है की केजरीवाल सांसद का चुनावी बिगुल फूंक रहे थे वही चंद्रशेखर विधायक का बिगुल फूंक रहे हैं। लेकिन इन दोनों में एक बाद जो सबसे अलग है वह यह कि चंद्रशेखर गोरखपुर तब पहुंचे हैं जब योगी सरकार प्रदेश में सत्ता का स्वाद चख चुकी है।
भारी संख्या में युवा, किसानों की नाराजगी को योगी आदित्यनाथ झेल रहे हैं और एक बड़ा तमगा योगी सरकार की आलोचना भी कर रहा है। अब ऐसे में चंद्रशेखर आजाद को यह विश्वास है कि वह गोरखपुर में योगी को मात देकर नया रिकॉर्ड दर्ज करेंगे।
क्या है गोरखपुर में योगी की धमक:-
यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की बात करें तो गोरखपुर के गोरक्षपीठाधीश्वर में इनकी धमक बनी हुई है। यहां सभी लोगो के साथ न्याय होता है लोगो का कहना है कि आज तक यहां जो अपनी समस्या लेकर आया है उसके साथ न्याय हुआ है और उसकी मदद अवश्य की गई है।
लोगो का कहना है कि गोरखपुर में योगी आदित्यनाथ की छवि भाजपा के चलते नहीं बनी है अपितु योगी के कार्य और उनकी नीतियों के चलते बनी हुई है। योगी को लोग हिन्दू ह्रदय सम्राट के नाम से जानते हैं।
वही यह गोरखपुर में लगातार वर्ष 1998 से 2017 तक सांसद रहे हैं। अब इस बार गोरखपुर से योगी चुनाव जीतेंगे या नहीं यह तो 10 मार्च को पता चल जाएगा। लेकिन चंद्रशेखर आजाद योगी के लिए फ़ांस बन पाए हैं यह नहीं इसका अनुमान मतदान के दिन लग जाएगा।
By: Priyanshi Singh