बारिश शुरू होते ही कई तरह की बीमारियां पैदा हो जाती हैं। और इनमें सबसे खतरनाक बीमारी डेंगू,मलेरिया और चिकनगुनिया हैं

aedes aegypti mosquito यानी की dengu, Chikanguniya.. a female mosquito

बारिश शुरू होते ही कई तरह की बीमारियां पैदा हो जाती हैं। और इनमें सबसे खतरनाक बीमारी डेंगू,मलेरिया और चिकनगुनिया हैं। ये तीनों ही मच्छर के काटने से होता है।

Dengu एक मादा एडीज है। कई बार सही टाईम पे ट्रीटमेंट ना मिल पाने के कारण प्लेटलेट्स घटती जाती है और इंसान की मौत हो जाती है। इसलिए इन बीमारीयो से बचने के लिए सामान्य जानकारी होना जरूरी है। तो आइए हम आपको बताते हैं कि किस तरह डेंगू के मच्छर होते और आप कैसे इसकी पहचान करें….
डेंगू
ये सुबह होने के दो घंटे बाद और शाम होने तक दिनभर सबसे अधिक सक्रिय रहता है। लेकिन संभावना है कि यह आपको रात में भी काट सकता है। चूंकि ये मच्छर ज्यादा ऊंचे नहीं उड़ पाते, इसलिए ये आमतौर पर घुटनो और कोहनी पर काटते है, यानी की joints area में।

कारण –

  • घर या घर के आसपास किसी गमले, बर्तन, सड़क या कूलर या अन्य स्थान पर इकट्टा जमे हुए पानी में डेंगू पैदा करने वाले मच्छर पनपते हैं, जो केवल एक बार काटकर भी आपको डेंगू का शिकार बना सकते हैं।
  • जब ये मच्छर जिसे डेंगू हुआ हो उसे काटने के बाद किसी स्वस्थ व्यक्ति को काटता है, तो स्वस्थ इंसान भी डेंगू की चपेट में आ जाता है।
  • एक बार डेंगू होने पर इसके बार-बार होने की संभावना भी बनी रहती है, इसलिए पहली बार में ही डेंगू से बचाव बहुत जरूरी है।
  • लक्षण –

1– डेंगू बुखार होने पर मरीज को ठंड लगने के साथ ही अचानक तेज बुखार आ जाता है।
2– बुखार के साथ साथ इंसान के सिर में दर्द और इसके साथ ही ज्वाइंट्स पेन होना भी शुरू हो जाता है।
3– प्लेटलेट्स धीरे धीरे डाउन होने की वजह से भूख नहीं लगती और बहुत कमजोरी लगती है।
4– बुखार की वजह से शरीर पर लाल-लाल दानें या रेशेस हो जाते हैं। जोकि चेहरे, गले और चेस्ट एरिया में होनेबलाग है।
5– इसमें ब्लडप्रेशर भी समान्यत: कम हो जाता है।

मलेरिया मलेरिया का मच्छर सुबह या शाम को ही काटता है। दोपहर में यह निष्क्रिय रहता है। मलेरिया मादा एनोफिलीज़ मच्छर के काटने से होता है। एक ज़रूरी बात ये भी है कि मलेरिया कई तरह का होता है।और इन सभी में अलग-अलग तरह के लक्षण भी दिखाई देते हैं।

मलेरिया का एक प्रकार है –

पहला प्लास्मोडियम फैल्सीपैरम (P. Falciparum) है। इसमें इंसान को पता ही नहीं चलता कि वो क्या बोल रहा है। उसे तेज ठंड लगती है और सिर में दर्द के साथ उल्टियां होती हैं।

दूसरा सोडियम विवैक्स (P. Vivax) है। जो हर तीसरे दिन यानी 48 घंटे बाद अपना असर दिखाता है। ये वीवैक्स virus दिन में सक्रिय रहता है। इसमें सिर, कमर, पैर और हाथों में दर्द होता है। भूख नहीं लगती और कंपकपी के साथ तेज़ बुखार आता है।

तीसरा प्लाज्मोडियम ओवेल मलेरिया (P. Ovale) है।

चौथा प्लास्मोडियम मलेरिये (P. malariae) है। ये दोनों
बाकी की तरह खतरनाक नहीं है। इसमें मरीज को हर चौथे दिन बुखार होता है। इससे शरीर में प्रोटीन की कमी हो जाती है और सूजन भी होती है।

लक्षण –
– तेज ठंड लगकर बुखार आना
– बुखार उतरने पर पसीने का आना
– पेट की दिक्कत और उल्ट‍ियां
– बेहोशी का होना, खून की कमी, एनीमिया
– लो ब्लड शुगर
– थकान, सरदर्द, मसल्स पेन

चिकनगुनिया,
वायरल इन्फैक्शन के कारण, मानसून के मौसम के दौरान आम तौर पर होने वाली कुछ बीमारियों में से एक है। चिकनगुनिया वायरस humans tansitistion से सबसे ज्यादा फैलता है।
ये मच्छर घर से ज्यादा बाहर काटते हैं।

लक्षण –

1.अचानक बुखार

  1. ज्वाइंट्स पेन
  1. मसल्स पेन
  1. सरदर्द
  1. नोसिया ( Morning sickness)
  1. थकान
  1. स्किन रैशेस

शुगर और ब्लडप्रेशर के paiteints को खास खयाल रखना चाहिए, ये उनके आंखों के नुकसान के साथ-साथ न्यूरोलॉजिकल और हृदय संबंधी बीमारियों का खतरा बना देता है।

इन तीनो ही बीमारियों का कारण मच्छर है, इसलिए बारिश और मौसम बदलाव के टाईम अपना और बच्चो का खास खयाल रखें। वायरल के 95 फीसदी मामलों में किसी टेस्ट की जरूरत नहीं होती। बुखार कम/खत्म नहीं होता तो डॉक्टर CBC यानी (कंप्लीट ब्लड काउंट) टेस्ट की मदद से देखते हैं कि ब्लड में कोई इन्फेक्शन तो नहीं है।

By: Tanwi Mishra
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