जब नेताओं के पास नहीं बचता विकल्प तो वह बदलते हैं पार्टी

उत्तरप्रदेश| उत्तरप्रदेश का चुनाव किसी फिल्म की पटकथा से कम नहीं है यहां आय दिन एक नया ट्विस्ट देंखने को मिल रहा है और पटकथा को एक मोड़ दे देता है। अब इसी पर केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल ने कहा है की जो यह दलबदलो राजनीति है यह कभी भी जनता के बीच सकारात्मक संदेश नहीं देती।

क्योंकि जब एक नेता दूसरी पार्टी में जाता है तो उसके मंसूबे स्पष्ट होते हैं टिकट। सदन ने रहा व्यक्ति चाहता है की उसे पार्टी पुनः टिकट दे और वह चुनाव लड़े लेकिन कई बार परिस्थितियों में परिवर्तन होता है और उसी पार्टी से टिकट मिलना मुश्किल हो जाता है। दलबदलो नेताओं के पास जब विकल्प नहीं बचता तो वह पार्टी बदल लेते हैं।

उन्होंने आगे कहा, ओमप्रकाश राजभर और भाजपा के बीच मना अच्छे सम्बंध नहीं रहे। लेकिन जब दो दल साथ आते हैं जो वह एक दूसरे की नीतियों को समझते हैं और उनके साथ खड़े होते हैं। क्योंकि कोई भी गठबंधन तभी चल सकता है जब दोनों दलों में सहमति हो। लेकिन वह अब चले गए हैं जो उचित निर्णय नहीं साबित होगा।

By. Priyanshi Singh

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