Samajwadi Koil Aligarh से टिकट लेने वाले Salman सईद कौन है

रालोद और समाजवादी पार्टी ने भी अपनी पहली सूची गठबंधन प्रत्याशी की जारी कर दी है लेकिन अभी सबसे ज्यादा चर्चा में हैं अलीगढ़ कोल विधानसभा से टिकट पाने वाले सलमान शाहिद.

असल में नाम सलमान शाहिद है सलमान सईद होने की वजह से कई लोग गलतफहमी में है पर अब वक्त के हिसाब से यह गलतफहमी दूर हो गई है.

समाजवादी पार्टी के पुराने कार्यकर्ताओं और नेताओं में से एक हैं सलमान शाहिद.

2012 और 2017 में टिकट लेने में जहां नाकामयाब हुए वही 2022 उत्तर प्रदेश विधानसभा में टिकट लेने में कामयाब हो गए।

हालांकि इस बार टिकट उन्होंने पूर्व प्रत्याशी अज्जू इसहाक और अलीगढ़ से 10 बार के विधायक रहे पूर्व विधायक हाजी जमीर उल्लाह को मात देकर टिकट पर कब्जा जमा लिया है।

सलमान शाहिद वैसे इंटरनेट की दुनिया में ढूंढगे तो इनके बारे में बहुत कुछ नहीं मिलेगा। लेकिन हम आप को उनके बारे में सब कुछ तो नहीं लेकिन बहुत कुछ जरूर बताएंगे।

2012 विधानसभा के दौरान से ही समाजवादी पार्टी के टिकट के लिए रेस में थे और उसके लिए वह बहुत कुछ करते भी थे अपने कार्यकर्ताओं के साथ उनके काम में आना या लोगों की मदद करना लेकिन बीते दिनों कोरोना महामारी के दौरान जहां दुर्भाग्यपूर्ण तरीके से लॉक डाउन हुआ वही लोगों और राहगीरों के बीच में अनाज बांटते हुए पाए गए।

अलीगढ़ के कोल विधानसभा से समाजवादी रालोद के प्रत्याशी सलमान शाहिद बिना किसी भेदभाव के समाज में जगह-जगह वाटर कूलर का व्यवस्था किया था।

लोगों का मानना है सलमान शाहिद ने जिंदा रहने के लिए पानी से लेकर मरने वालों के लिए डीप फ्रिजर तक का इंतजाम कर रखा था ।

अलीगढ़ के कई मंदिरों में भी आर ओ वाटर कूलर लगवाया उसमें से प्रमुख खेरेश्वर महादेव मंदिर भी है जिसका जिसका लोकार्पण स्वामी पूर्णानंद पुरी महाराज ने किया जिसका स्वागत समिति अध्यक्ष सत्यपाल सिंह ने भी किया।

हाला के बाद में दीवार पर लगे फाऊंडेशन स्टोन आधारशिला को इसलिए तोड़ दिया गया किस पर नाम समाजवादी मुस्लिम नेता सलमान शाहिद का लिखा हुआ है और वीडियो वायरल कर दी गई जिसमें एक व्यक्ति हथौड़े से तोड़ता दिखाई दे रहा है तोड़ने वाला व्यक्ति हिंदूवादी संगठन का कार्यकर्ता बताया गया था।

सलमान शाहिद उसी दौरान चर्चा में आए थे जहां उनको देश की बड़ी बड़ी मीडिया अपने पन्नों पर जगह दे रही थी।

28 जून 2000 21 को सलमान शाहिद ने वाटर कूलर दान किया था और 29 जून को हिंदू संगठन बजरंग दल द्वारा जो विश्व हिंदू परिषद का ही एक संगठन है उसने बवाल खड़ा कर दिया उसने तर्क दिया कि किसी मुस्लिम नेता का नाम हमारे मंदिर पर किसी भी तरीके से बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

सलमान शाहिद का विरोध करने वाले भारतीय जनता युवा मोर्चा के जिला अध्यक्ष मुकेश लोधी भी थे जिन्होंने कहा था कि नाम का शिलान्यास लगाकर अपनी मानसिकता का परिचय दिया है।

समाजवादी पार्टी के पूर्व जिला अध्यक्ष अशोक यादव सलमान शाहिद द्वारा लगाए गए वाटर कूलर के समर्थन में नजर आए थे।

अशोक यादव ने समाजवादी पार्टी के नेता सलमान शाहिद के समर्थन में कहा कि जो दान करता है वह अपने नाम का पत्थर लगाता है ताकि लोग जान सके कि यह नेक कार्य किसने किया।

वही उस दौर में पूरी घटना पर सलमान शाहिद ने भी प्रतिक्रिया दिया था उन्होंने कहा था उन्होंने मंदिर से अनुमति मिलने के बाद ही वहां वाटर कूलर लगवाया था।

समाजवादी पार्टी से कॉल विधानसभा से टिकट लेने वाले सलमान शाहिद ने उस वक्त कहा हम लोग तोड़ने में विश्वास नहीं जोड़ने में विश्वास रखते हैं और यह वर्ष चुनाव का है यह हिंदू संगठन तोड़ने की राजनीति करते हैं और सलमान शाहिद ने यह भी कहा कि जो हम से सहयोग मांगेगा चाहे वह मंदिर हो चाहे गुरुद्वारा हो हम हमेशा सहयोग करते रहेंगे और यह कार्य मंदिर कमेटी के कहने के बाद ही हमने वहां पर वाटर कूलर लगवाया था।

हाला के मंदिर कमेटी की तहरीर पर मामला दर्ज कर लोधा थाना पुलिस ने एक युवक को गिरफ्तार भी कर लिया था यह सब सलमान शाहिद की मेहनत की वजह से हुआ था।

अब आगामी उत्तर प्रदेश विधानसभा 2022 में अलीगढ़ के कोल सीट से पहली बार टिकट पाने वाले सलमान साहिद क्या समाजवादी पार्टी की खोई हुई विरासत को वापस ला पाएंगे जो उसके पहले पूर्व विधायक हाजी जमीर उल्लाह के दौरान था।

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