19 नवंबर 2020 में नोएडा सेक्टर 58 थाना के अंतर्गत मोबाइल और 15000 की लूट जो आज तक पुलिस नहीं कर पाई एफ आई आर.
अक्टूबर महीना ढलते ही नवंबर दिसंबर जनवरी फरवरी मानव मोबाइल और अपराधों के लिए अपराधियों को नया मौका मिल गया हो.
योगी सरकार में जहां एक तरफ पुलिस को ठोको नीति से जाना जाता है वहीं दूसरी तरफ गहरी नींद में सो रही है क्योंकि यूपी पुलिस जाग रही होती तो फिर चोरों की नींद उड़ी हुई होती.
नोएडा सेक्टर 58 थाना के दायरे में रह रहे उमाशंकर शर्मा को बाइक सवार अपराधियों द्वारा उनका मोबाइल और ₹15000 छीन लिया गया और तमंचे के बट से मारा गया और जान से मारने तक की धमकी दे दी गई.
उमाशंकर शर्मा के मुताबिक वहां मौजूद पेट्रोलिंग पुलिस वालों को इत्तला दी जिसके बाद भी कोई एक्शन नहीं हुआ.
उसके बाद उमाशंकर शर्मा ने कई बार नोएडा सेक्टर 58 के थाना के एसएचओ से बात की एफ आई आर लिखने की कही गई पर आज उस घटना को 1 साल हो रहे हैं आज तक f.i.r. नहीं लिखी गई इसकी वजह एसएचओ नोएडा सेक्टर 58 ही बता पाएंगे.
उमाशंकर शर्मा के मुताबिक उन्होंने कई बार जनसुनवाई पोर्टल पर भी शिकायत की है जहां थाना द्वारा बताया जा रहा है कि हमने f.i.r. लिख ली है और रिसीविंग दे दी है पर उमाशंकर के मुताबिक उन्हें किसी भी तरह का एफ आई आर की ना रिसिविंग मिली है ना उसकी कॉपी.
उक्त घटना को 19 नवंबर 2021 को 1 साल हो जाएंगे पर यूपी पुलिस अब तक f.i.r. नहीं लिख पाई.
हिंद राष्ट्र की तरफ से भी कई बार थाने में एसओ के नंबर पर कॉल किया गया पर वहां से कोई जवाब नहीं मिला.
जब प्रदेश की पुलिस जनता के सुरक्षा के लिए शपथ ले रही होती है तो उसे सोचना चाहिए कि सुरक्षा देना भी होता है वरना नोएडा जैसी जगह पर चोरी होना कानून व्यवस्था एवं सुरक्षा के नाम पर दुर्भाग्य है.
अब आप सबके लिए एक सवाल है उसका जवाब आप कमेंट मैं लिखकर बताएं क्या यूपी पुलिस योगी सरकार में बिल्कुल नाकाम हो गई है?