अलीगढ़, 7 जुलाईः अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय ने मशहूर अभिनेता युसूफ खान उर्फ दिलीप कुमार के निधन पर दुख जताया है। दिलीप कुमार अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के पूर्व कोर्ट सदस्य रहे और उन्हें विश्वविद्यालय द्वारा मानद उपाधि से भी सम्मानित किया गया था। एएमयू समुदाय की ओर से शोक व्यक्त करते हुए कुलपति प्रोफेसर तारिक मंसूर ने कहा कि दिलीप कुमार के निधन की खबर सुनकर स्तब्ध हूं।
एएमयू समुदाय की ओर से शोक व्यक्त करते हुए कुलपति प्रोफेसर तारिक मंसूर ने कहा दिलीप कुमार के निधन की खबर सुनकर दुखी हूं। उन्हें कला और सिनेमा के लिए देश के सर्वोच्च पुरस्कार दादा साहब फाल्के पुरस्कार से नवाजा गया था। इसके अलावा दिलीप कुमार को उनकी सेवाओं के लिए पद्म भूषण से भी नवाजा गया था।
कुलपति ने कहा कि एएमयू ने उन्हें 1982 में कोर्ट का सदस्य चुना। कला और सिनेमा के लिए उनकी लंबी सेवा के लिए 2002 में उन्हें डीलिट की मानद उपाधि से सम्मानित किया। उनका पांच दशक से अधिक का करियर कई मायनों में आदर्श और मूल्यवान है।
प्रोफेसर मंसूर ने कहा कि भारतीय सिनेमा को आकार देने और अभिनय की कला को आने वाली पीढ़ियों के लिए यादगार बनाने के लिए दिलीप कुमार को हमेशा याद किया जाएगा। प्रसिद्ध अर्थशास्त्री मेघनाद देसाई ने अपनी पुस्तक ‘नेहरू के हीरो दिलीप कुमार’ में अपनी फिल्मों और नए स्वतंत्र भारत की मिश्रित अर्थव्यवस्था की तुलना की है।
प्रोफेसर मंसूर ने कहा कि दिलीप साहब एक परोपकारी व्यक्ति थे, जिनका व्यक्तित्व उनके स्क्रीन व्यक्तित्व से काफी ऊंचा था। दिलीप कुमार की अभिनय शैली दशकों से उपयुक्त और लोकप्रिय रही है और उन्होंने आठ फिल्मफेयर पुरस्कार जीते हैं। उनके भावनात्मक अभिनय ने उन्हें ट्रेजेडी किंग का खिताब भी दिलाया।