आज बिहार, ओड़िसा, गोवा, मेघालय व पुलवामा अटैक के दौरान जम्मू और कश्मीर के गवर्नर रहे सत्यपाल मलिक जी इस दुनिया को अलविदा कह गये है, मलिक साहब बेबाक़ शख्शियत और रहस्यों से पर्दे उठाने वाले नेताओं में गिने जायेंगे, उन्हें हम कभी उनकी बेबाक़ी तो कभी पुलवामा अटैक और कभी पूर्व सांसद अतीक़ अहमद के मर्डर को याद करते हुए भी याद करेंगे! मलिक साहब इस देश की राजनीति के लिए गोल्ड नही बल्कि उस तांबे की तरह थे जिसके बिना गोल्ड को नही जोड़ा जा सकता है!
आप याद करें पुलवामा अटैक को जिसमें हमारे देश की आर्मी के 42 जवान शहीद हो गये थे, कारण भारी संख्या में RDX का ब्लास्ट होना बताया गया लेकिन आज तक पता नही चल सका कि वो RDX वहां पहुंचा कैसे? 15 अप्रैल 2023 को सत्यपाल मलिक जी ने एक मीडिया इंटरव्यू में कई खुलासे किये जिसमें उन्होंने पुलवामा अटैक पर बात करते हुए कहा कि ” अटैक हमारी ग़लती की वजह से हुआ, सेना जिन पहाड़ों के बीच से बस से सफ़र कर रही थी वहां ख़तरा था, इसलिए सेना काफ़ी समय से गृह मंत्रालय से जहाज मांग रही थी, कई महीने तक सेना की मांग वाली चिट्ठी गृह मंत्रालय में पड़ी रही लेकिन गृह मंत्रालय और प्रधानमंत्री के दफ़्तर की तरफ़ से सेना को जहाज नही दिया गया, सेना ने ने इंतेज़ार ख़त्म करके बस से सफ़र किया तो कई क्विंटल RDX ब्लास्ट कर सेना की बस उड़ा दी गई, मैंने हमलें की जानकारी मिलते ही मोदी जी को फ़ोन किया और हमलें की जानकारी दी और कहा कि जवान हमारी ग़लती की वजह से शहीद हुए है, इस पर मोदी जी मुझे चुप रहने की सलाह दे देते है!”
जैसे ही सत्यपाल मलिक का खुलासे वाला बयान जैसे ही टीवी और अखबारों पर चढ़ना शुरू होता है यूपी के इलाहाबाद से कई बार के सांसद व विधायक अतीक़ अहमद व उनके भाई अशरफ़ अहमद की पुलिस कस्टडी में हत्या की ख़बर आ जाती है जो कि सत्यपाल मलिक के खुलासे वाली ख़बर को चबा जाती है और हफ़्तों तक के लिए मीडिया को अतीक़ अहमद की हत्या मसालें के रूप में परोस दी जाती है!
कुछ समय बाद @RahulGandhi ने सत्यपाल मलिक जी से ऑन रिकॉर्ड अपने चैनल के लिए इंटरव्यू के रूप में बात की तो इस इंटरव्यू में सत्यपाल मलिक अतीक़ अहमद पर बात करते हुए कहते है कि “जिस दिन मैंने पुलवामा पर बात की अतीक़ अहमद की हत्या करा दी गई और हफ़्तों तक मीडिया में अतीक़ अहमद हत्या मामला चल जाता है!”
बेबाक़, रहस्यों के बीच सुराख करने वाले सत्यपाल मलिक जी को इन्ही शब्दों के साथ विदाई!
इस खबर को सोशल एक्टिविस्ट जाकिर अली त्यागी ने लिखा है जो मौजूदा हालात की राजनीति को खूब बयान करता है.