राजद अपनी हार का ठेकरा दूसरों पर डाल कर अपने भूत और वर्तमान को छुपाना चाहती है, लगभग तीन महीने हो चुके इस गठबंधन की सरकार को, किया तेजस्वी यादव अपना एक भी ऐसा काम दिखा सकते हैं जो इन्होंने खुद से अपने मेनिफेस्टो में लिख रखा है। हमारा चैलेंज है बिहार को गर्त में पहुंचाने वाले नेता के बद दिमाग बेटा को, नीतीश जी की बैसाखी को अपनी बैसाखी कहना छोड़कर कुछ अपना कर कर दिखाए।
पूरा बिहार जानता है पिछले आठ सालों से जहां पुरे भारत में कोई नौकरी नहीं है वहां नीतीश जी अकेले बिहारियों और देशवासियों को Third Class की नौकरी देते ही रहे हैं। बस नीतीश जी का वही अंदाज 90 दिनों से गठबंधन में भी जारी है।
राजद के नाम निहाद प्रवक्ता ओवैसी साहब पर बोलना बंद करें, अल्पसंख्यक और धोका फरेब का पाठ हमें न पढ़ाएं बल्कि यह बताएं (अल्पसंख्यक की बात और सेक्युलर की बात छोड़ते हुए) की आपको 3 महीने हो गए, जो धोका आपने 2020 विधान सभा के चुनाव में मेनिफेस्टो लाकर बिहार की भोली भाली जनता को दिया था उसको कब लागू करेंगे!???? या फिर आपका प्रवक्ता उसे भी जुमलों की किताब कहेगा।
हमने बिहार में सीटें जीती हैं और आगे भी 50 सीटें जीतकर दिखायेंगे।
आदरणीय मनोज झा जी आप काबिल आदमी रहे हैं, अगर अब आपकी पार्टी आपकी विदुता से समझौता कर रही है तो आप अपना मानसिक संतुलन क्यूं खो रहे हैं। ओवैसी साहब पर कुछ भी बोलने से पहले अपना कद देखें और वक्त की पुकार को भी सुन लिया किजिए।
अब धोके फरेब की सियासत, जो आपलोग अल्पसंख्यक एवं सेक्युलर जेहन के लोगों को देते आए हैं, अब नहीं चलेगा। वक्त बदला नहीं बदल चुका है, बिहार जाग रहा है।
नजरे आलम