AMU की 41 बीघा जमीन पर नगर निगम ने क़ब्ज़ा कर लिया और सब तमाशा देख रहे हैं,नगर निगम 1995 में बना है और AMU के पास ये ज़मीन 80 साल से है वो भी बिना किसी डिस्प्यूट के।
इंतजा़मिया पर स्टूडेंट का फूटा गुस्सा.बताया ज़िम्मेदार.मंगा इस्तीफ़ा।
80 साल पुरानी 1.26 अरब की AMU ज़मीन से अलीगढ़ नगर निगम द्वारा कब्ज़ा मुक्त करवाने के खिलाफ आज स्टूडेंट ने बड़ी संख्या में जबरदस्त प्रदर्शन के दौरान नारेबाजी की।
AMU जमीन पर नगर निगम के कब्जे का जिम्मेदार स्टूडेंट एएमयू इंतजामिया को मानते हैं इसीलिए प्रदर्शन के दौरान स्टूडेंट ने प्रॉपर्टी ऑफिसर का भी इस्तीफा मांगा.
1.26 अरब की जमीन पर विवाद: एएमयू छात्रों का नगर निगम और AMU इंतजामिया के खिलाफ जबरदस्त प्रदर्शन।
छात्रों ने शुक्रवार को नगर निगम की कार्रवाई के विरोध में जोरदार प्रदर्शन किया। विवाद 1.26 अरब रुपए की कीमत वाली 41 बीघा जमीन को लेकर है, जिस पर नगर निगम ने कब्जा करते हुए बोर्ड लगा दिया है।
छात्रों का कहना है कि यह जमीन 1940 से विश्वविद्यालय के कब्जे में है और यह चुनावी मौसम में माहौल बिगाड़ने की साजिश है। छात्रों ने शांतिपूर्ण प्रदर्शन करते हुए संविधानिक तरीके से अपनी बात प्रशासन तक पहुंचने की कोशिश की।
अपर नगर मजिस्ट्रेट द्वितीय आशुतोष सिंह ने छात्रों से ज्ञापन लिया और आश्वासन दिया कि यह मामला शासन तक पहुँचाया जाएगा।
डिप्टी प्रॉक्टर अली नवाज़ जे़दि ने बताया, “यह जमीन 1940 में सरकार से ट्रांसफर हुई थी, और तब से यूनिवर्सिटी इसके कागजात के आधार पर काबिज है। हम कानूनी प्रक्रिया के तहत न्यायालय का रुख करेंगे।”
आपको बता दें एएमयू छात्र संघ के पूर्व उपाध्यक्ष हॉर्स राइडिंग के कप्तान रह चुके मोहम्मद नदीम अंसारी ने कहा गेम्स समिति और प्रॉपर्टी समिति के एम आई सी इस्तीफा दे उन्होंने कहा मऊ प्रशासन के कुछ अधिकारी के मिली भगत के बगैर अलीगढ़ नगर निगम इतना बड़ा फैसला नहीं ले सकता।
AMUSU छात्र संघ पूर्व उपाध्यक्ष पूर्व कप्तान नदीम अंसारी ने उठाएं सवाल क्या AMU प्रशासन देगा जवाब
इस मामले में अब कुछ सवाल हैं कि-
1- जब नगर निगम कब्ज़ा कर रहा था तब VC, रजिस्ट्रार, प्रॉक्टर, MIC प्रॉपर्टी, गेम्स कमेटी के सेक्रेटरी, और राइडिंग क्लब के प्रेसीडेंट कहाँ थे उन्होंने फ़ौरन जा कर कब्ज़ा क्यों नहीं रुकवाया..??
2- बिना मिली भगत के नगर निगम ने बिना किसी नोटिस के इतना बड़ा कदम कैसे उठा लिया..??
पिछले 6-7 साल से उस जमीन पर राइडिंग की प्रैक्टिस क्यों नही करवाई गई और 8 साल से एक ही साहब राइडिंग क्लब के प्रेसिडेंट क्यों बने हुऐ हैं..??
3- गेम्स कमेटी के सेक्रेटरी भी 8 साल से एक ही साहब बने हुऐ हैं क्यों..??
4- ऐसा तो नहीं कि अन्दर वालों की मिलीभगत से नगर निगम के ज़रिए कब्ज़ा करवा कर बाद में ये ज़मीन कुछ साहिब लोगों में बाँट ली जाये.??
अगर अन्दर वालों की मिलीभगत है तो प्रोपर्टी के पेपर भी ग़ायब करवा दिये गये होंगे।
5- रजिस्ट्रार साहब AMU के हर मामले में हस्तक्षेप करते हैं तो इस मामले में क्यों चुप हैं..??
6- ऐसा तो नही के पिछले कई सालों से अन्दर वालों AMU की बड़ी बड़ी ज़मीनों का अन्दरखाने सौदा कर दिया हो और अब कब्ज़ा करवाया जा रहा हो.??
7- AMU के कुछ गद्दारों की मिलीभगत के बिना ये सब मुमकिन है क्या..?
8- जो लोग AMU की बड़ी बड़ी पोस्ट पर पिछले 8-10 सालों से कुंडली मार कर बैठे हैं उन्हें फ़ौरन हटाया जाए।
9- आज का प्रोटेस्ट बहुत अच्छा रहा। इसी तरह दमदारी से इस लड़ाई को लड़ना है और दलालों से होशियार रहना है।
24 घंटो में AMU नही ले पाया कोई फैसला। 80 साल पुरानी 1.26 अरब की AMU ज़मीन कब्ज़ा मुक्त का मामला।
नगर निगम की कार्रवाई को AMU प्रशासन ने बताया अवैध।
“हमें नहीं दिया गया कोई नोटिस। यह संपत्ति एएमयू की है, नगर निगम का दावा गलत। AMU 80 वर्ष से उस जमीन पर काबिज, बच्चे वहां हॉर्स राइडिंग करते हैं।” – AMU प्रॉपर्टी विभाग MIC
AMU प्रॉपर्टी विभाग के MIC ने कहा नगर निगम के खिलाफ जाएंगे कोर्ट।
जानिए और क्या कहा AMU प्रॉपर्टी MIC और नगर आयुक्त ने ?
– और भी जमीने कब्जा मुक्त कराई जाएगी।
– AMU प्रवक्ता ने बताया आज शाम लिया जा सकता है फैसला, मीटिंग और बातचीत अभी जारी है।