गरीबों का हक छीनकर मोदी के करीबी Adani को नीतीश सरकार द्वारा जमीनी फायदा पहुंचाने की कोशिश Dr Maskoor Ahmad Usmani

किसानों से जमीन कम कीमत पर खरीदी गई और फिर कई गुना कीमत पर अडानी ग्रुप को बेची गई.

मोदी सहयोगी नीतीश सरकार द्वारा ने किसानों के मौलिक अधिकारों का हनन

दरभंगा जिला कॉंग्रेस मुख्यालय पर जाले विधानसभा के पूर्व महागठबंधन प्रत्याशी डॉ • मशकूर उस्मानी ने अडानी एग्रो लॉजिस्टिक्स लिमिटेड द्वारा 100 करोड़ की लागत से निर्मित आधुनिक रेल लिंक्ड साइलो पर बड़ा खुलासा किया और पक्के दस्तावेज के साथ कई बड़े गंभीर आरोप लगाए है।

अडानी एग्री लॉजिस्टिक्स लिमिटेड को भारतीय खाद्य निगम (FCI) द्वारा बिहार में अनाज साइलो कॉम्प्लेक्स निर्माण के लिए ठेका दिया था।

डॉ • उस्मानी (Dr Maskoor Ahmad Usmani) ने पत्रकारों से वार्ता में बताया की अडानी ग्रुप, PRVS Infra, Vedans Infra और कई बिचौलियों ने मिलकर किसानों के मौलिक अधिकारों का हनन किया हैI

जाले, सहसपूर, जोगियारा और खेसर गाँव के किसानों से ज़बरन बिना उचित मुआवजा दिए उनसे जमीन ले ली गई और किसानों के परिवार को नौकरी का झूठा वादा भी किया गया जो आज तक पूरा नहीं हुआI विरोध करने वाले गरीब किसानों पर फर्जी मुकदमा भी लगाया गया और गुंडा एक्ट जैसी कारवाई भी की गईI बिचौलियों द्वारा किसानों से औने-पौने दाम में जमीन खरीदी गई और बाद में ऊँची कीमत पर अडानी ग्रुप को बेची गई, जिससे किसानों को आर्थिक शोषण का शिकार बनाया गया है। अवैध तरीके से किसानो की भूमि अधिग्रहण की गई जो स्थानीय विधायक सह मंत्री के इशारे पर गुंडागर्दी के जरिए हुआI भूमि अधिग्रहण अधिनियम, 2013 के अनुसार, किसी भी किसान की जमीन अधिग्रहण के लिए सहमति, उचित मुआवजा एवं पुनर्वास प्रक्रिया आवश्यक है, लेकिन इसमें पूरी तरह अनियमितता बरती गई।

इतना ही नहीं इस मामले मे सरकारी जमीन की भी खरीद बिक्री की गई, राजस्व चोरी किया गया एवं अडानी ग्रुप द्वारा सत्ता के संरक्षण में सरकारी भूमि पर भी अतिक्रमण किया गयाI

मामले की पृष्ठभूमि बताते हुए उस्मानी ने कहा की सरकारी भूमि का अवैध हस्तांतरण भी हुआ हैI जाले प्रखंड के सहसपुर गांव (राजस्व थाना नं. 05, खाता-813, खेसरा नं. 1901) की सरकारी भूमि को वेदांसा इन्फ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड ने अवैध रूप से अपने नाम करवा लिया और बाद में इसे अडानी एग्री लॉजिस्टिक्स लिमिटेड को बेच दिया।

इतना ही नहीं जाले प्रखंड, मौजा जाले (खेसरा नंबर 4405) की सरकारी भूमि पर बिना NOC के रेल ट्रैक और रोड बना दिया गया, जो बिहार पब्लिक लैंड एन्क्रॉचमेंट एक्ट, 1956 का सीधा उल्लंघन है।

डॉ • उस्मानी का कहना है की इस मामले में राजस्व चोरी एवं मनी लॉन्ड्रिंग हुई है, Prvs. Infrastructure Pvt. Ltd. ने 1235 डीसमिल जमीन 5.64 करोड़ में खरीदी और 20.50 करोड़ में अडानी ग्रुप को बेच दी, जिससे साफ है कि इसमें काले धन का खेल हुआ है।

किसानों से जमीन कम कीमत पर खरीदी गई और फिर कई गुना कीमत पर अडानी ग्रुप को बेची गई, जिससे बेनामी संपत्ति लेनदेन अधिनियम, 1988 और मनी लॉन्ड्रिंग निवारण अधिनियम, 2002 (PMLA) का उल्लंघन हुआ।

पूरे मामले में प्रशासनिक लापरवाही एवं भ्रष्टाचार का गंभीर आरोप लगाते हुए उस्मानी ने कहा की दरभंगा के पूर्व अंचलाधिकारी श्री अनिल मिश्रा द्वारा सरकारी भूमि का अवैध दाखिल-खारिज किया गया, जो बिहार भूमि सुधार अधिनियम, 1950 के तहत अवैध है।

कई बार हमारे जाले विधानसभा निवासी और कांग्रेस सोशल मीडिया लोकसभा दरभंगा अध्यक्ष केशव ठाकुर जी के द्वारा लोकशिकायत कार्यालय में शिकायत दर्ज कराने के बाद अडानी का जमाबंदी रद्द किया गया है, लेकिन जिला प्रशासन द्वारा अब तक इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की गई, न ही FIR दर्ज हुई है।

जमाबंदी रद्द करने की सिफारिश के बावजूद अपर समाहर्ता ने एक वर्ष तक कोई कदम नहीं उठाया, कई परिवाद दायर करने के बाद भी मामले को एक वर्ष तक दबाया गया फिर सचिव द्वारा आदेश दिए जाने के बाद अडानी का जमाबंदी रद्द किया जिससे उनकी और पूरे प्रशासनिक अमले की भूमिका भी संदेहास्पद हो जाती है। जाले विधायक सह मंत्री ने मीडिया के सामने कई बार यह दावा किया है की वो अडानी ग्रुप को जाले लेकर आए है इसलिए इस पूरे मामले में संलिप्त बिचौलियों, संबंधित कंपनी, अडानी ग्रुप, प्रशासनिक पदाधिकारी और जाले विधायक सह मंत्री की संलिप्तता को देखते हुए भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 420, 467, 468, 471 एवं 409 के अंतर्गत यह धोखाधड़ी, जालसाजी और सरकारी संपत्ति के दुरुपयोग का मामला बनता है।

प्रेस वार्ता के अंत मे निष्पक्ष जांच के लिए डॉ • उस्मानी ने विशेष जांच दल (SIT) गठित करने की मांग की, सरकारी भूमि को अवैध कब्जे से मुक्त कराने और पुनः सरकार के नियंत्रण में लिए जाने की माँग की, दोषियों पर FIR दर्ज कर कठोर कार्रवाई की माँग की, किसानों से छीनी गई जमीन की वास्तविक कीमत के अनुसार मुआवजा दिलवाने की माँग करते हुए कहा की बिहार पब्लिक लैंड एन्क्रॉचमेंट एक्ट, 1956 के तहत अवैध अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई तुरंत शुरू की जाए, किसानों और उनके समर्थन में आंदोलन करने वाले सामजिक कार्यकर्ताओं पर लगे सभी मुकदमे तत्काल प्रभाव से वापस हो और राजस्व चोरी एवं मनी लॉन्ड्रिंग की प्रवर्तन निदेशालय (ED) एवं आयकर विभाग से जांच करवाई जाए।

इस प्रेस वार्ता में मीडिया प्रभारी असलम जी, कांग्रेस सोशल मीडिया प्रदेश महासचिव पिंकू गीरी,
डिप्टी मेयर नाजिया हसन, जिला अध्यक्ष जीवन झा, रघुवंश कुमार सिंह, महासचिव सरफराज अनवर, प्रखंड अध्यक्ष चांद सहित अन्य वरिष्ठ नेतागण मौजूद रहेI

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