वक्फ में नए कानून के बाद
वक्फ बोर्ड में 2 गैर मुस्लिम सदस्य होना जरूरी हैं
पहले से नियम था कि वक्फ बोर्ड में एक पूर्व न्यायधीश और एक सांसद होंगे जो मुस्लिम होंगे अब मुस्लिम होने की शर्त हटा ली गई है.
इस तरह दो नहीं चार गैर मुस्लिम सदस्य हो जाएंगे.
वक्फ बोर्ड में इन चार गैर मुस्लिम सदस्य के इलावा एक आईएएस अधिकारी भी होता है इस तरह यह पांच लोग मिल कर अपनी मनमानी आराम से कर सकते हैं.
पसमांदा का नाम ले कर उन्हें मुर्ख बनाया गया है कानूनन उन्हें कोई हक नहीं दिया गया है.
महिलाओं को हक देने की बात कही गई। अब बोर्ड में दो महिला सदस्य होना जरूरी है। लेकिन आपकी जानकारी के लिए बता दूं कि महिलाएं पहले भी सदस्य हो सकती थीं कोई मनाही थी ही नहीं। अलबत्ता अब लिमिट भी लग गई की दो से ज्यादा नहीं हो सकती।
दूसरे धर्म का कोई आदमी मुसलमान होता है तो पांच साल तक वक्फ नहीं कर सकता.
कुल मिलाकर सरकार का हस्ताक्षेप बढ़ जाएगा भक्त लोग जो खुश हैं उन्हें कुछ मिलने वाला नहीं है
मुसलमान अगर चाहें तो अभी भी बहुत कुछ संभाल सकते हैं लेकिन मुसलमान ऐसी कौम है जो काम करने वालों को पसंद नहीं करती आवाज़ उठाने वालों को पसंद करती हैं.