New Delhi : भारतीय सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार, 4 मार्च को कहा कि किसी को ‘मियां-तियां’ और ‘पाकिस्तानी’ कहना असभ्य हो सकता है, लेकिन यह दंडनीय अपराध नहीं है.
( Supreme Court ) कोर्ट ने भारतीय दंड संहिता की धारा 298 के तहत आरोप से एक व्यक्ति को मुक्त कर दिया. Supreme Court ने कहा किसी को ‘मियां-तियां’ या ‘पाकिस्तानी‘ कहना धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के अपराध के बराबर नहीं है.
जस्टिस बीवी नागरत्ना और जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा की बेंच ने यह फैसला सुनाया. आरोपी पर एक सरकारी कर्मचारी को पाकिस्तानी कहने का आरोप था. शिकायतकर्ता झारखंड में उर्दू अनुवादक और कार्यवाहक क्लर्क (सूचना का अधिकार) है.
उसने आरोप लगाया था कि जब वह आरटीआई आवेदन के संबंध में जानकारी देने के लिए अपीलकर्ता से मिलने गया तो आरोपी ने उसके धर्म का हवाला देकर उसके साथ दुर्व्यवहार किया और सरकारी काम को करने से रोकने के लिए बल का इस्तेमाल किया. शिकायतकर्ता ने आरोपी के खिलाफ धारा 298, 504 और 353 के तहत एफआईआर दर्ज कराई थी.