कौन है त्यागी? जिसके लिए नियम तोड़े गए? AMU प्रवेश प्रक्रिया पर नदीम अंसारी का सवाल?

एएमयू पीएचडी एडमिशन पर सवाल: लिखित परीक्षा में नाकाम होने के बावजूद बुलाया गया इंटरव्यू!

अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (AMU) के डिपार्टमेंट ऑफ पॉलिटिकल साइंस में पीएचडी इन ह्यूमन राइट्स (2024–25) प्रवेश प्रक्रिया को लेकर बड़ा विवाद खड़ा हो गया है।

क्या नियमों की अनदेखी हुई?

इस पूरे मामले ने एडमिशन प्रोसेस की पारदर्शिता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

क्या सिर्फ़ वीसी के आदेश से, विभाग की रिपोर्ट और नियमों को दरकिनार किया जा सकता है?

क्या यह अन्य उम्मीदवारों के साथ अन्याय नहीं है, जिन्होंने लिखित परीक्षा क्वालिफाई की है?

यह मामला अब छात्रों और शिक्षकों के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है।
सवाल साफ़ है: “लिखित परीक्षा में फेल होने के बाद भी इंटरव्यू बुलाने का आधार क्या था?”

एएमयू पीएचडी प्रवेश में विवाद: लिखित परीक्षा में फेल उम्मीदवार को इंटरव्यू कॉल, नियमों की अनदेखी?

वाइस चांसलर के आदेश पर नियम तोड़े गए? AMU प्रवेश प्रक्रिया पर सवाल?

मामला क्या है?

डिपार्टमेंट की ओर से जारी एलिजिबल/नॉन-एलिजिबल लिस्ट (सूची) में साफ़ लिखा गया है कि आवेदन संख्या 90831253 (मो. आरिफ़ खान उर्फ़ आरिफ़ त्यागी) को “Not Exempted from Written Test” किया गया था।
कारण भी साफ़ लिखा था —
JRF का स्कोर जनरल कैटेगरी के क्वालिफाइंग मार्क्स से कम है।
PH कैटेगरी में सिर्फ़ 5 नंबर की ग्रेस दी जाती है, लेकिन इसके बाद भी उम्मीदवार लिखित परीक्षा पास नहीं कर सका।

यानी नियम के अनुसार न तो वे लिखित परीक्षा से मुक्त (Exempted) थे, और न ही उन्होंने लिखित परीक्षा क्वालिफाई की।

विवाद की शुरुआत कैसे हुई?

फिर भी 23 अप्रैल 2025 को रिसर्च यूनिट, ऑफिस ऑफ द कंट्रोलर ऑफ एग्ज़ामिनेशन से एक कन्फिडेंशियल लेटर जारी हुआ।
इसमें कहा गया कि वाइस चांसलर (VC) की अनुमति से मो. आरिफ़ खान को इंटरव्यू/प्रेजेंटेशन के लिए बुलाया जाए, जो 25 अप्रैल को आयोजित होना था।

यह लेटर विभागाध्यक्ष (Chairman, Political Science) को भेजा गया और कहा गया कि “आवश्यक कार्रवाई की जाए।”

अब सवाल यह उठ रहा है कि —

1. जब विभाग ने साफ़ लिख दिया कि उम्मीदवार लिखित परीक्षा से मुक्त नहीं है और वह परीक्षा पास भी नहीं कर पाया, तो उसे इंटरव्यू के लिए बुलाया ही क्यों गया?

2. क्या विभाग की कोई आपात बैठक (Urgent Meeting) बुलाकर यह फैसला लिया गया?

3. अगर बैठक हुई थी, तो उसके मिनट्स (Minutes of Meeting) कहाँ हैं?

4. क्या पूरी डिपार्टमेंट फैकल्टी ने सहमति दी थी कि नियमों के बावजूद इस उम्मीदवार को बुलाया जाए?

सूत्रों के मुताबिक़, विभागाध्यक्ष प्रो. नफ़ीस अंसारी ने भी विभागीय लिस्ट पर हस्ताक्षर करके यह लिखा था कि – “Not Exempted from Written Test”।
फिर भी वीसी कार्यालय से आए आदेश के आधार पर इंटरव्यू के लिए बुलाने की कार्रवाई की गई।

क्या amusu पूर्व छात्रसंघ उपाध्यक्ष नदीम अंसारी के सवालों का जवाब दे पायेगी यूनिवर्सिटी?