क्या अब मिथिला विश्वविद्यालय में भी चलेगी नागपुर की पाठशाला? नजरे आलम
दरभंगा – ऑल इंडिया मजलिस इत्तेहादुल मुसलमीन (AIMIM) के नेता नजरे आलम ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत के कार्यक्रम में ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के कुलपति के शामिल होने को लेकर सवाल उठाया है। AIMIM के नेता नजरे आलम ने मिथिला विश्वविद्यालय के कुलपति के संघ कार्यक्रम में शामिल होने को लेकर सवाल उठाते हुए कहा कि क्या अब ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के कुलपति सुरेन्द्र कुमार सिंह विश्वविद्यालय में नागपुर की पाठशाला चलायेंगे।
वही AIMIM के नेता नजरे आलम ने प्रेसवार्ता करते हुए कहा कि RSS प्रमुख मोहन भागवत का मिथिलांचल में लगातार दौरा हो रहा है। इस बार का दौरा उनकी ऐसी जगह हुआ, जो शिक्षण संस्थान है मिथिला विश्वविद्यालय। उस जगह पर इनका पाठशाला चलता है वह भी नफरत की पाठशाला। यह कहते हैं कि हम मोहब्बत की पाठशाला चलाने आए हैं, लेकिन इनका लगातार दौरा नफरत की पाठशाला चलाने का रहा है। वही उन्होंने मिथिला विश्वविद्यालय के कुलपति पर कटाक्ष करते हुए कहा की मिथिला विश्वविद्यालय के कुलपति भी अब आर एस एस की पाठशाला में जाकर क्लास करने लगे हैं।
वही नजरे आलम ने कहा की उनका इस तरह से क्लास लेनें से मिथिला के लोगों में काफी बेचैनी देखने को मिल रहीं है। जो शिक्षण संस्थान के कुलपति है, अगर वे RSS की पाठशाला में क्लास लेंगे तो बिहार में मिथिला विश्वविद्यालय की शिक्षा की क्या हालत होगी। यहां की विद्यार्थियों की मानसिकता क्या होगी। यहां जो दूसरे विचारधारा के साथ दूसरे समुदाय के लोग हैं। जो RSS के आइडियोलॉजी से परेशान है, ऐसे लोग क्या करेंगे। यह अपने आप में बहुत बड़ा सवाल है। ऐसे में बिहार सरकार के क्रियाकलाप पर सवाल उठता है की क्या अब शिक्षण संस्थानों में भी RSS की पाठशाला चलेगी। क्या मिथिला विश्वविद्यालय के कुलपति अब विश्वविद्यालय में RSS की पाठशाला चलाएंगे।
वही AIMIM के नेता नजरे आलम ने कहा कि मिथिलांचल एक शांतिप्रिय जगह है। यहां के लोग हमेशा से ही फासीवादी ताकतों को नकारा है। लेकिन इस तरह के मानसिकता के लोग अगर मिथिला विश्वविद्यालय में है। तो मै बिहार के मुखिया नीतीश कुमार से मांग करूंगा की आप मिथिला विश्वविद्यालय को बचा लीजिए और बिहार को भी बचा लीजिए। यहां पर नफरत की पाठशाला नहीं चलेगी और ऐसे कुलपति को अविलंब यहां से स्थानांतरण किया जाए। बल्कि इनको नागपुर भेज देना ज्यादा बेहतर है। ऐसे लोगो का शिक्षा जगत में रहना नुकसानदायक है। ऐसे लोग शिक्षा के क्षेत्र में रहकर नागपुर की पाठशाला पढ़ाएंगे। इससे देश, बिहार के साथ ही मिथिला का भी नुकसान होगा।
नजरे आलम, AIMIM नेता