संविधान दिवस पर कार्यक्रमों का आयोजन

 अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों, छात्रावासों और स्कूलों में ‘संविधान दिवस’ के तहत विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया गया।

सेंटर ऑफ कंटीन्यूइंग एंड एडल्ट एजुकेशन एंड एक्सटेंशन (सीसीएईई) में ‘भारत, लोकतंत्र की जननी’ विषय पर एक व्याख्यान का आयोजन किया गया।

इस अवसर पर अपने संबोधन में, प्रो-वाइस चांसलर और निदेशक, सीसीएईई, प्रोफेसर मोहम्मद गुलरेज ने उपस्थितजनों से भारत के संविधान को पढ़ने और इसके आदर्शों से परिचित होने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि अब जरूरत पड़ने पर संविधान का सन्दर्भ ग्रहण करना बहुत आसान हो गया है क्योंकि हर किसी के पास स्मार्टफोन है जिस पर सभी प्रकार के संसाधन ऑनलाइन उपलब्ध हैं।

सामाजिक विज्ञान संकाय के डीन, प्रोफेसर मिर्जा असमर बेग ने कहा कि लोकतंत्र तभी कार्य करता है जब नागरिकों को इसके कार्यों से भलीभांति सूचित किया जाता है और अधिकारों और कर्तव्यों का पालन करने में संतुलन होता है।

प्रोफेसर आयशा मुनीरा रशीद ने अतिथि वक्ता का स्वागत किया जबकि डॉ. शमीम अख्तर ने धन्यवाद ज्ञापित किया।

विधि संकाय में, अक्सा महक ने वाद-विवाद और चर्चा प्रकोष्ठ, लॉ सोसाइटी द्वारा आयोजित वाद-विवाद प्रतियोगिता में प्रथम पुरस्कार जीता, जबकि मो. अरीब इब्राहिम और अयान रहमान को क्रमशः दूसरा और तीसरा पुरस्कार मिला।

‘यह सदन मानता है कि भारत का संविधान संविधानवाद के विचार का पालन नहीं करता है’ विषय पर आयोजित वाद विवाद का आयोजन मूट कोर्ट हॉल में बीएएलएलबी छात्रों के लिए संविधान दिवस को चिह्नित करने के लिए किया गया था।

श्री मो. इमरान (जाकिर हुसैन कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी) और डॉ. नगमा अजहर (वाणिज्य विभाग) ने प्रतियोगिता को जज किया।

इस अवसर पर छात्रों को संबोधित करते हुए, लॉ फैकल्टी के डीन और लॉ सोसाइटी के अध्यक्ष, प्रो मोहम्मद अशरफ ने उनसे इस तरह की गतिविधियों में उत्साह के साथ भाग लेने का आग्रह किया क्योंकि इस तरह के आयोजनों से उन्हें डिबेटिंग कौशल विकसित करके अच्छा वकील बनने में मदद मिलती है।

प्रभारी, वाद-विवाद एवं चर्चा प्रकोष्ठ, सुश्री महलका अबरार ने संविधान दिवस की संक्षिप्त जानकारी दी तथा जजों का परिचय कराया।

इस अवसर को छात्राओं के आवासीय छात्रावास, बेगम अज़ीज़ुन निसा हॉल में कार्यवाहक प्रोवोस्ट डॉ ग़ज़ाला यास्मीन ने छात्रों और कर्मचारियों के साथ संविधान की प्रस्तावना पढ़ते हुए मनाया।

डॉ ग़ज़ाला ने बताया कि छात्रों ने डॉ मोहम्मद नैय्यर खान (वाणिज्य विभाग) और डॉ मोहम्मद नाज़िम (पुस्तकालय विज्ञान विभाग) द्वारा जज किए गए ‘एक जिम्मेदार नागरिक के जीवन में संविधान का महत्व’ विषय पर एक नुक्कड़ नाटक के बाद भाषण प्रतियोगिता में भी भाग लिया। छात्राओं द्वारा ‘भारतीय संविधान में महिलाओं के अधिकार’ पर नुक्कड़ नाटक का मंचन किया गया।

नादा कादरी ने कार्यक्रम का संचालन किया और तहमीश खान ने धन्यवाद ज्ञापित किया।

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