Aligarh News रबी-उल-अव्वल माह के आगमन के साथ ही महफिल मेले के आयोजन शुरू

रबी-उल-अव्वल माह के आगमन के साथ ही महफिल मेले के आयोजन शुरू हो गया है। इस सम्बन्ध में सर सैयद नगर के सैयद कॉलोनी स्थित खानकाह नियाजिया में मिलाद के जश्न का आयोजन किया गया
इस अवसर पर बोलते हुए डॉ. मुहम्मद अब्बास नियाज़ी ने कहा कि मिलाद का अर्थ जन्म का समय होता है। इस्लाम के मानने वालों के लिए, मिलाद या मौलूद इस्लाम के पैगंबर के जन्म को संदर्भित करता है महफ़िल मिलाद आध्यात्मिक सभा को संदर्भित करता है जिसमें हज़रत मुहम्मद के जन्म के दौरान हुए चमत्कारों का उल्लेख करके बरकत हासिल किया जाता है। उन्होंने कहा कि पैगम्बरों की पैदाइश का जिक्र करना अल्लाह की सुन्नत है। सूरह मरियम में हज़रत ईसा, सूरह क़सस में हज़रत मूसा के जन्म और उनके जन्म के समय हुए वाक़्यात इन महान पैगम्बरों की महानता का उल्लेख किया गया है, पैगम्बर की सुन्नत का उल्लेख किया गया है।

मीलाद सहाबा की सुन्नत और अहल-अल-बैत की भी सुन्नत साबित होती है। खास बात यह है कि पैगंबरों की याद से अक़ीदा मजबूत होता है, दिल में स्थिरता पैदा होती है, एकेश्वरवाद और सभी मान्यताएं इस्लामी दावे हैं और उसका प्रमाण इस्लाम के पैगंबर हैं खास बात ये है की, मिलाद में इस्लाम के पैगंबर की चरित्र उनकी महानता का जिक्र करने से आस्था मजबूत होती है, आपका आगमन पूरी दुनिया पर अल्लाह की सबसे बड़ी कृपा है, इस खुशी में जश्न मनाना उसके आदेश का पालन है इस्लाम के पैगंबर, अल्लाह की सबसे बड़ी अता आशीर्वाद हैं , मीलाद अल्लाह की कृतज्ञता की अभिव्यक्ति है। मिलाद ज्ञान का एक उत्कृष्ट स्रोत है, इसमें नबी की महानता और चरित्र बताया जाता है, जो उत्कृष्ट ज्ञान है।

मिलाद शरीफ़ प्रेम और भक्ति की अभिव्यक्ति है। दान और मेहमानों की सेवा किया जाता है, जिस से बरकत हासिल होती है विशेष रूप से पैगंबर की बारगाह में कुरान निकटता प्राप्त करने का एक साधन है, मिलाद के जश्न में कुरान भी पढ़ा जाता है, इस्लाम के पैगंबर को खुद नात-ख्वानी पसंद थी, उन्होंने नात पढ़ने वालों को अपना आशीर्वाद दिया है। यह नबी का आशीर्वाद( पुरस्कार) पाने का सबसे अच्छा तरीका है। महफ़िले मिलाद में नबी की ख़ूबियो का बयान करने से आपके पीछे चलने की चाहत पैदा होती है, जो की ईमान है।

इस मौके पर हैदर अली नियाजी, जाफर अली नियाजी, हैदर अब्बास नियाजी, रोहन नियाजी, अली जमान नियाजी, अली हसनैन नियाजी, इबाद नियाजी, सफदर नियाजी, अली फाखरी नियाजी, सरवर अजीम नियाजी, जुनैद नियाजी, करीम नियाजी समेत अन्य श्रद्धालु मौजूद रहे .

तस्वीर। खानकाह नियाजिया में मिलाद का जश्न.

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