Amu News अलीगढ़, 28 सितंबरः अंतरराष्ट्रीय स्तर की प्रशंसित विद्वान, अनुवादक, आलोचक और लेखक तथा दक्षिण एशियाई, मध्य पूर्वी और अफ्रीकी अध्ययन विभाग, कोलंबिया विश्वविद्यालय, न्यूयॉर्क की प्रोफेसर एमेरिटा प्रोफेसर फ्रांसिस डब्ल्यू प्रिटचेट को अंतरराष्ट्रीय श्रेणी में इस वर्ष के सर सैयद उत्कृष्टता पुरस्कार के लिये चयनित किया गया है। जबकि सर सैयद उत्कृष्टता राष्ट्रीय पुरस्कार देश के एक प्रतिष्ठित साहित्यिक और सांस्कृतिक संगठन, गालिब इंस्टीट्यूट, नई दिल्ली को 17 अक्टूबर को सर सैयद दिवस स्मृति कार्यक्रम में प्रदान किया जाएगा।
एएमयू द्वारा सर सैयद अध्ययन, दक्षिण एशियाई अध्ययन, मुस्लिम मुद्दे, उर्दू साहित्य, मध्यकालीन इतिहास, सामाजिक सुधार, सांप्रदायिक सद्भाव, पत्रकारिता और अंतर-धार्मिक संवाद के क्षेत्रों में उत्कृष्ट और बौद्धिक रूप से उत्प्रेरक कार्य करने वाले प्रसिद्ध विद्वानों या संगठनों को दिए जाने वाले वार्षिक अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय सर सैयद उत्कृष्टता पुरस्कार के अन्तर्गत क्रमशः 200000 और 100000 रुपये की नकद पुरस्कार राशि दी जाती है।
एएमयू कुलपति प्रोफेसर नईमा खातून (amu vc naima khatoon) ने प्रोफेसर आजरमी दुख्त सफवी, प्रोफेसर एआर किदवई, प्रोफेसर शाफे किदवई, प्रोफेसर अनीसुर रहमान, प्रोफेसर अख्तरुल वासे, प्रोफेसर आसिम सिद्दीकी और प्रोफेसर काजी ओबैदुर रहमान हाशमी की अध्यक्षता वाली निर्णायक मंडल की सिफारिश पर पुरस्कार विजेताओं के नाम तय किए।
सर सैयद अकादमी के निदेशक और निर्णायक मंडल के संयोजक प्रोफेसर शाफे किदवई के अनुसार प्रोफेसर प्रिटचेट को आधुनिक भारतीय भाषाओं और साहित्य का सबसे प्रखर विद्वान माना जाता है। उन्होंने शिकागो विश्वविद्यालय से दक्षिण एशियाई भाषाओं और सभ्यताओं में पीएचडी पूरी की है तथा उन्होंने कोलंबिया विश्वविद्यालय में पढ़ाया और नेट्स ऑफ अवेयरनेसः उर्दू पोएट्री एंड इट्स क्रिटिक्स; रोमांस ट्रेडिशन इन उर्दू और ए डेजर्टफुल ऑफ रोजेज; उर्दू गजल्स ऑफ मिर्जा गालिब समेत कई लेख, मोनोग्राफ और मौलिक पुस्तकें लिखीं हैं।
गालिब इंस्टीट्यूट, नई दिल्ली, उपमहाद्वीप में सबसे सम्मानित साहित्यिक और सांस्कृतिक संगठनों में से एक है, और इसके वार्षिक पुरस्कार, अंतर्राष्ट्रीय और राष्ट्रीय सेमिनार, और प्रकाशन दुनिया भर में सम्मान की दृष्टि से देखे जाते हैं। इस संस्थान की स्थापना 1971 में एक ट्रस्ट द्वारा की गई थी, जो राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय सेमिनार, गालिब एक्सटेंशन व्याख्यान, अमीर खुसरो और फखरुद्दीन अली अहमद व्याख्यान, यौम ए गालिब, यौम ए जौक कार्यक्रम आदि आयोजित करता है।
गालिब इंस्टीट्यूट हर साल सात प्रतिष्ठित उर्दू और फारसी विद्वानों को पुरस्कार प्रदान करता है, और इसके प्राप्तकर्ताओं में शम्सुर रहमान फारूकी, गोपी चंद नारंग, काजी अब्दुल वदूद, मालिक राम, कुर्रतुल ऐन हैदर, कलीमुद्दीन अहमद, ज्ञान चंद जैन, असलूब अहमद अंसारी, आले अहमद सुरूर, नजीर अहमद, इस्मत चुगताई, कृष्ण चंद्र, जज्बी, खलीलुर रहमान आजमी शामिल हैं। गालिब इंस्टीट्यूट अक्सर विद्वानों की किताबें प्रकाशित करता है और 500 से अधिक शीर्षक प्रकाशित कर चुका है।