Asia का सबसे ज्यादा पढ़ा-लिखा गांव भारत के Uttar Pradesh अलीगढ़ Aligarh जिले में है धौर्रा माफी Dhaurra Mafi.
Asia Most literate Village Dhaurra Mafi Aligarh लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज है।
कौन बनेगा करोड़पति होस्ट करते हुए जब अमिताभ बच्चन ने सवाल पूछा था कि एशिया का सबसे पढ़ा-लिखा गांव कौन सा है तब धौर्रा माफी काफी चर्चा में रहा और तब लोग मालूम हुआ कि वह जिस गांव के हैं वह एशिया का सबसे पढ़ा लिखा गांव है।
आपको बता दें भारत दुनिया भर में मुगल्स के जमाने से ही पकड़ अपने बनाए रखा है उस वक्त से लेकर देख ले हर वक्त आपको हर नागरिक हर जगह मिल जाएगा और यही वजह है कि कई कारणों से भारत को याद किया जाता है।
हिंदुस्तान के अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के किनारे बसा यह गांव पूरी दुनिया भर में लोग जानते हैं क्योंकि एशिया का सबसे पढ़ा लिखा गांव है।
जानकारी के लिए बता दें धौर्रा माफी का नाम लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स 2002 में शामिल हुआ था आपको बता दें यहां पर लगभग सभी पक्के मकान और अपार्टमेंट्स हैं यहां बिजली और पानी की कोई कमी नहीं है और यहां पर कई सारे इंग्लिश मीडियम स्कूल है।
खबर के मुताबिक लगभग 15000 की आबादी है इस गांव की जो 90% से ज्यादा पढ़ी-लिखी आबादी है, इस गांव में लगभग हर एक घर में कोई डॉक्टर इंजीनियर, वैज्ञानिक, प्रोफेसर और बड़े बड़े अधिकारी और नेता गन मिल जाएंगे।
1875 में सर सैयद अहमद खान ने जो पौधा लगाया था आज दुनिया उसे अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के नाम से जानती है और उसी किनारे बसा है धौर्रा माफी नाम गांव। जिसके कारण कई प्रोफेसर डॉक्टर साइंटिस्ट और बड़े बड़े अधिकारियों ने अपने घर बना रखे हैं।
हाला के सच्चर कमेटी की रिपोर्ट के मुताबिक भारत के मुसलमानों की हालत बहुत खस्ता हाल है सरकारी व्यवस्था और नौकरियों में ना के बराबर है लेकिन जानकारी के लिए बता दो यहां 90% से ज्यादा मुसलमानों की आबादी है और यह गांव के लोग भारतीय व्यवस्था मैं कई बड़े पदों पर तैनात है।
धौर्रा माफी गांव के ही प्रोफेसर मोहम्मद गुलरेज अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर हैं और यहीं से अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के प्रॉक्टर मोहम्मद वसीम और डिप्टी प्रॉक्टर सैयद अली नवाज जैदी है। अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय की लाइब्रेरी मौलाना अबुल कलाम आजाद पूरी दुनिया भर में जानी जाती है यहां पर कई साल के पुराने किताबें मिल जाएंगे वहां की लाइब्रेरियन प्रोफेसर निसहत फातिमा भी Dhaurra Mafi गांव की हैं।
यहां पर कई सारे लोग ऐसे हैं जिन्होंने विदेशों में जाकर भारत का नाम ऊंचा किया है और शायद इसलिए भी धौर्रा माफी एशिया का सबसे पढ़ा लिखा गांव माना जाता है।
धौर्रा माफी गांव के अंदर बहुत सारे बड़े-बड़े इंग्लिश मीडियम वाले स्कूल और कई हॉस्पिटल से और कई सारे मार्केट में हैं जिससे यहां के रहने वाले लोगों को किसी भी तरह की कोई परेशानी नहीं है। और यहां के प्रधान का नाम डॉ अमीन है, हालांकि इस बार गांव को नगर निगम में मिला लिया गया है।
Dhorra Mafi , Dhaurra Mafi , Doharra Mafi इस गांव का नाम कई तरीके से लिखा जाता है।
और आप भी इस गांव से हैं तो आपको कैसा महसूस होता है उस महसूस को करते हुए और भी लोगों को शेयर करें कि, आप जिस गांव में रहते हैं वह एशिया का सबसे पढ़ा लिखा गांव है।