वक्फ कानून का विरोध, पहलगाम आतंकी हमला 27 बेगुनाहों की हत्या- संप्रदायिक षड्यंत्र
मुसलमानों का विकास,आर्थिक स्थिति नष्ट करने की बड़ी साजिश – कल्लू अंसारी
मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के राष्ट्रीय संयोजक कल्लू अंसारी ने कार्यकर्ता बैठक व प्रेस वार्ता में कहा कि 370 समाप्ति के बाद जम्मू कश्मीर में आतंकवाद 80% समाप्त हुआ ।पर्यटन व कारोबार से प्रदेश की आर्थिक स्थिति में एक बड़ा सुधार देखा गया।
जम्मू कश्मीर में खुशहाली चारों तरफ नजर आने लगी। 80% जम्मू कश्मीर में मुस्लिम आबादी है खुशीहाली के दुश्मन आतंकवाद को पैदा करने वाले, बना देने वाले पड़ोसी देश पाकिस्तान को रास नहीं आई इसलिए षडयंत्र रचकर पहलगांव में निर्दोष 27 भारतीयों की हत्या करा कर जम्मू कश्मीर में सांप्रदायिक देंगे कराने की एक साजिश को रचा.
जिस कारण वहां के पर्यटक और वहां के व्यापार को, खुशबू खुशहाली को ,वहां कीअमन शांति को एक बहुत बड़ा नुकसान हुआ जिसको जम्मू कश्मीर की जनता व भारत सरकार आतंकियों को पूरी तरह से समाप्त कर पड़ोसी देश पाकिस्तान को करारा जवाब देगी।
कल्लू अंसारी ने कहा कि वक्फ संशोधन कानून का वह लोग विरोध कर रहे हैं जो वक्फ भूमाफिया है। जिन गरीब, मजलूम, यतीम, वृद्ध, विधवाओं, मदारिश के छात्र-छात्राएं, गरीब,जवान बच्चियों की शादी के लिए, वक्फ की आय से लाभ पहुंचाने के लिए वक्फ बोर्ड बनाया गया लेकिन किसी को भी लाभ तो दूर वक्फ संपत्ति पर भू माफियों ने अवैध कब्जा कर करोड़पति बन गए।
मौजूदा सरकार सच्चर कमेटी की रिपोर्ट को मद्दे नजर रखते हुए अब नए संशोधन कानून के माध्यम से वक्फ भूमाफिया से अवैध कब्जा लेकर उस पर वेलफेयर के कार्य किए जाएंगे। वक्फ का विकास कर मार्केट, माल, विद्यालय ,मदरसे, रेजिडेंशियल फ्लैट, यतीम खाना, वृद्ध आश्रम, हॉस्पिटल , देहाती क्षेत्र में पशुपालन, मछली पालन, गौशाला, कृषि ,औषधि ,फलदार वृक्ष लगाकर वक्फ की आय के स्रोत पैदा कर उन गरीब मजलूम, वृद्ध, विधवाओं, गरीब बेटियों,विकलांगों को लाभ मिले तथा वक्फ की आय से लघु उद्योग लगाने के लिए लोन देकर गरीबों को कारोबार के माध्यम से रोजगार देना ही भारत सरकार का मकसद है। तो इसमें गलत क्या है। अफवाह फैलाई जा रही है।
कब्रिस्तान, दरगाह,मस्जिदों पर सरकार कब्जा कर लेगी। जो सरासर गलत है। आओ हम सब मिलकर सच्चाई के साथ खड़े हो और सरकार के हाथ मजबूत करने के लिए हम सब मिलकर कम करें।
इस कार्यकर्ता पर प्रेस वार्ता में मुख्य रूप से शाह आलम,शमीम कुरैशी, बाबू खान, रईसुद्दीन संभल, बबलू ,निजाम, गुल शेर अली ,शमशेर खान, फिरोजाबाद
गुलफाम, बीके चौधरी, निसार अंसारी, अफज़ल कुरैशी अलीगढ़,
आगरा ,मथुरा ,मैनपुरी ,एटा से रईस, श्याम सिंह, अल्तमश अंसारी, राशिद हुसैन, फुरकान कुरैशी ,सुहाना ,नेहा, कोमल, समीना ,गुलशन, समीरन ,कल्पना, ज्योति ,रेनू ,शबाना ,फमीदा,नरगिस, चमन ,सिद्धि ,संजना, महेंद्र सिंह, गायत्री वर्मा, लक्ष्मी आदि कार्यकर्ता मौजूद रहे।