Abdul Kalam Death Anniversary कोविंद गए, मुर्मू आईं, लेकिन दिलों पर आज भी राज कर रहे हैं कलाम, जिन्हें जनता का राष्ट्रपति कहा जाता है।
पूर्व राष्ट्रपति डॉ एपीजे अब्दुल कलाम (Dr Abdul Kalam) पुण्यतिथि के 7 साल बाद भी लोगों के दिलों पर राज करते हैं।
आज ही के दिन यानी बुधवार को उनकी 7वीं पुण्यतिथि (Dr Abdul Kalam Death Anniversary) है। उनकी यादें आज भी लोगों के दिलों में हैं।
मिसाइल मैन को याद करते हुए बड़ी संख्या में लोगों ने माइक्रोब्लॉगिंग साइट एवं सोशल मीडिया पर उन्हें जनता के राष्ट्रपति कहे जाने वाले डॉक्टर अब्दुल कलाम को श्रद्धांजलि दी।
आज इंटरनेट की दुनिया में डॉ कलाम चेंज करने लगे। भारत रतन डॉ एपीजे अब्दुल कलाम की पुण्यतिथि ऐसे समय पड़ी है जब सोमवार को द्रौपदी मुर्मू (Draupadi Murmu) ने राष्ट्रपति पद की शपथ ली है। वहीं, रामनाथ कोविंद (Ram Nath Kovind) की राष्ट्रपति भवन से विदाई हुई है।
बेशक, आजादी के बाद देश को 15 राष्ट्रपति मिल चुके हैं। लेकिन, जिस तरह की छाप मिसाइल मैन जनता के राष्ट्रपति कहे जाने वाले भारत रत्न डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम ने छोड़ी उसकी तुलना करना मुश्किल है। शायद यही वजह है कि उन्हें पीपुल्स प्रेसिडेंट यानी जनता का राष्ट्रपति कहा जाता था। कहा जाता है उसके बाद 3 राष्ट्रपति आए और चले गए सारे प्रोटोकॉल में ही अपने कार्यकाल को निकाल दिया पर भारत रतन डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम देश के 11वें राष्ट्रपति थे, जो जनता और छात्रों के बीच में अपना कीमती समय बिताया करते थे।
उन्होंने 2002 के राष्ट्रपति चुनाव में लक्ष्मी सहगल के खिलाफ चुनाव में 9,22,884 वोट प्राप्त कर जीत हासिल की थी। उनका कार्यकाल 25 जुलाई 2002 से 25 जुलाई 2007 तक रहा था।
शिक्षा के क्षेत्र में महारत हासिल करने वाले मिसाइल मैन कहे जाने वाले डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम को देश-विदेश की 48 यूनिवर्सिटी और संस्थानों से डॉक्टरेट की मानद उपाधि मिली।
राजनीति की दुनिया में भी कमाल करते हुए मिसाइल मैन भारत रतन अब्दुल कलाम जिनका राजनीतिक तौर पर कोई हैटर्स नहीं हुआ बल्कि हर कोई उनका सम्मान करता है वे हिंदोस्तान के तीसरे राष्ट्रपति थे जिन्हें यह पद मिलने से पहले ही भारत रत्न से सम्मानित किया जा चुका था।
इसके पहले डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन और डॉ. जाकिर हुसैन को भी राष्ट्रपति बनने से पहले भारत रत्न मिल चुका था। डॉ एपीजे अब्दुल कलाम को 1997 में भारत रत्न मिला था। जिस समय केंद्र में भाजपा की सरकार यानी अटल बिहारी वाजपेई प्रधानमंत्री थे। वह 2002 में राष्ट्रपति बने थे। मैं भाजपा का पूरा समर्थन था और 2002 गुजरात दंगा की छवि सुधारने की भी कोशिश थी।
हिंदोस्तान के मिसाइल मैन भारत रतन डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम बच्चों और युवाओं के के बीच लोकप्रिय थे। इसका कारण था। कलाम उन्हें बड़ा सोचने और करने के लिए प्रेरित करते थे। उन्हें भी बच्चों छात्रों के बीच समय बिताना बहुत पसंद था।
डॉ एपीजे अब्दुल कलाम अक्सर विश्वविद्यालयों के सेमिनार और कार्यशालाओं में शिरकरत करते थे। 27 जुलाई 2015 को शिलोंग आईआईएम में आयोजित एक कार्यक्रम में कलाम गए थे। उनकी अचानक कार्डिएक अरेस्ट से इंतकाल हो गया गया था।